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जिला अस्पताल में 38 डॉक्टर की कमी, सिविल सर्जन ने पत्र में लिखा- स्थिति खराब, अस्पताल चलाना मुश्किल
जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त डॉक्टर नहीं है। इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। सिविल सर्जन डॉ.आरपी परमार ने स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को लिखा है कि जिला अस्पताल में डॉक्टर नहीं है, स्थिति खराब है,अस्पताल चलाना मुश्किल हो रहा है। कैसे व्यवस्थाएं बनाए। पांच डॉक्टर पहले ही स्थानांतरित होकर चले गए हैं। डॉक्टर की कमी को कैसे पूरा किया जाए।
750 बेड के संभागीय जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर कम पड़ गए हैं। यहां पर 38 डॉक्टर की कमी है। इस वजह से मरीजों को इलाज मिलने में मुश्किल आ रही है। जिला अस्पताल प्रशासन भी इसको लेकर चिंतित है, क्योंकि पांच डॉक्टर के यहां से तबादले हो गए हैं। इसके पहले चार डॉक्टर सेवानिवृत्त हो चुके हैं, एक डॉक्टर शशि गुप्ता ने नौकरी छोड़ दी है। दंत रोग विशेषज्ञ व आयुष डॉक्टर तो एक भी नहीं है।
जिला अस्पताल में भर्ती मरीज, मरीजों को बेड तक उपलब्ध नहीं हो रहे, कंबल बिछाकर करवा रहे उपचार।
17 दिन में ओपीडी में 6726 व आईपीडी में 1484 से ज्यादा मरीज इलाज कराने आए
जिला अस्पताल में डॉक्टर के कुल 77 पद स्वीकृत है, जिनमें से वर्तमान में 39 डॉक्टर ही पदस्थ हैं। 38 डॉक्टर की कमी से अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है। दूसरी तरफ मरीजों की संख्या अस्पताल में बढ़ गई है, यहां पिछले 17 दिन में ही ओपीडी में 6726 और आईपीडी में 1484 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं। सिविल सर्जन डॉ.परमार ने सीएमएचओ डॉ.महावीर खंडेलवाल के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को नोटशीट भेजी है, जिसमें डॉक्टर नहीं होने से अस्पताल की चिकित्सकीय सेवाओं में आ रही परेशानी का उल्लेख किया है। उन्होंने कलेक्टर शशांक मिश्र को मौखिक तौर पर भी डॉक्टर की कमी के बारे में बताया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को रिमाइंडर भेजा है। जिला अस्पताल के विभिन्न विभागों की ओपीडी चलाना मुश्किल हो रहा है। हड्डी रोग, क्षय रोग व कुष्ठ रोग विभाग की ओपीडी में डॉक्टर नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।
प्रथम श्रेणी के 22 डॉक्टरों की कमी
पदनाम स्वीकृत कार्यरत रिक्त
- प्रथम श्रेणी डॉक्टर 42 20 22
- द्वितीय श्रेणी 27 17 10
- दंत रोग विशेषज्ञ 1 0 1
- दंत चिकित्सक 6 2 4
- आयुष चिकित्सक 1 0 1
अस्पताल के मान से 77 डॉक्टर हो
आईपीएचएस यानी इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के तहत जिला अस्पताल 750 बेड का है तो यहां मापदंड के तहत 77 डॉक्टर की आवश्यकता है। रिक्त पदों की तुलना में 39 डॉक्टर ही पदस्थ है।
इतने की भी आवश्यकता
- सर्जन 4
- एनेस्थेटिक 3
- मेडिसिन 3
- ईएनटी 2
- रेडियोलॉजिस्ट 3
- हड्डी विभाग 4
सिविल सर्जन ने यह लिखा…
सिविल सर्जन ने लिखा है कि जिला अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर नहीं है, 77 की बजाए 39 डॉक्टर है।अस्पताल चलाना मुश्किल हो रहा है। पांच डॉक्टर पहले ही स्थानांतरित होकर चले गए हैं। डॉक्टर की कमी को कैसे पूरा किया जाए।
चिकित्सकीय सेवाओं पर असर
बैंकलॉग व एनएचएम के माध्यम से रिक्त पद भरेंगे
बांड के तहत रखे डॉक्टरों की सेवाएं लेने के प्रयास
विभाग व जिला प्रशासन को नोटशीट भेज दी