- दो जून से लगेगा महाकुंभ, करीब पांच लाख श्रद्धालु होंगे शामिल, 100 से अधिक भंडारे चलेंगे
- भस्मारती में मस्तक पर सूर्य, चन्द्र व त्रिपुंड लगाकर सजे बाबा महाकाल, अबीर गुलाल से विशेष श्रृंगार
- त्रिपुंड, ड्रायफ्रूट और चांदी के बिल्व पत्र से सजे बाबा, मंदिर में गूंजा जयश्री महाकाल
- बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुईं शेफाली जरीवाला, नंदी हॉल से किए दर्शन, ध्यान भी लगाया
- वैष्णव तिलक, मावे और भांग के सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर लगाया त्रिपुंड
‘देवनागरी लिपि तब से अब तक’ पुस्तक का लोकार्पण
भारत की प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी विश्व लिपि देवनागरी : तब से अब तक पर विषय पर हुई। मुख्य अतिथि नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली के महामंत्री डॉ. हरिसिंह पाल एवं मुख्य वक्ता समालोचक एवं विक्रम विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा थे। अध्यक्षता साहित्यकार हरेराम वाजपेयी ने की। विशिष्ट अतिथि संस्था अध्यक्ष ब्रजकिशोर शर्मा उज्जैन और साहित्यकार, सुवर्णा जाधव मुंबई थीं। इस अवसर पर संस्था के महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी की नवीन पुस्तक देवनागरी लिपि : तब से अब तक का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. शर्मा ने अपने व्याख्यान में कहा कि सिंधु घाटी की लिपि से लेकर ब्राह्मी लिपि और देवनागरी लिपि विश्व सभ्यता को भारत की महत्वपूर्ण देन है। इस अवसर पर डॉ. चौधरी को राष्ट्रीय हिंदी परिवार इंदौर द्वारा अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया है।