नगर निगम के सफाई कर्मचारियों का अजीब कारनामा

उज्जैन।शिप्रा नदी में खान नदी का गंदा और बदबूदार पानी एक ओर जहां प्रशासन के लिये परेशानी बना हुआ है वहीं दूसरी ओर नगर निगम के कर्मचारी घाटों पर अनूठा प्रयोग करने में लगे हैं। सोमवार को जहां नगर निगम अधिकारियों की मौजूदगी में नदी से गाद व गंदगी निकाली गई थी उसी गंदगी को मंगलवार सुबह पानी के प्रेशर से पुन: नदी में मिला दिया गया।
अक्षरविश्व द्वारा शिप्रा नदी का जल स्तर कम होने के बाद घाटों और चढ़ाव पर फैली गाद व गंदगी को नगर निगम कर्मचारियों द्वारा नदी में बहाने का समाचार प्रकाशित किया था जिसके बाद नगर निगम अपर आयुक्त मनोज पाठक व उपायुक्त, स्वास्थ्य अधिकारी सहित करीब 100 सफाई कर्मियों की टीम फोकलेन मशीन के साथ रामघाट पहुंचे और नये फावड़े, तगारी खरीदकर नदी से मलबा, गंदगी निकालने का काम शुरू किया गया था।

इस दौरान गाद व मिट्टी को घाटों के किनारे एकत्रित किया गया जिसे बाद में डम्पर से अन्यत्र फेंकना था, लेकिन मंगलवार सुबह दत्त अखाड़ा घाट पर मौजूद मिट्टी, गाद के ढेर को नगर निगम कर्मचारियों ने पानी के प्रेशर से पुन: नदी में मिला दिया। आने वाले मकर संक्रांति पर्व को लेकर प्रशासन द्वारा शिप्रा नदी में मौजूद खान नदी के गंदे और बदबूदार पानी को बहाकर नर्मदा नदी का स्वच्छ पानी स्टोर करने की बात कही जा रही है। इसके लिये नदी के स्टापडेम के गेट भी खोले गये हैं और दूसरी तरफ नगर निगम कर्मचारी दूषित व गंदे पानी में मिट्टी व गाद मिलाकर दूषित करने में लगे हुए हैं।

सोमवार को नगर निगम अधिकारियों की मौजूदगी में 100 से अधिक सफाईकर्मियों ने इस तरह नदी से मलबा और गाद बाहर निकालकर सफाई की थी।

मंगलवार को सुबह रामघाट पर अधिकारी मौजूद नहीं थे और सफाईकर्मियों ने पानी के प्रेशर से घाटों पर पड़ी गंदगी को इस तरह फिर से नदी में मिला दिया।

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