- एडीएम अनुकूल जैन बने महाकाल मंदिर प्रशासक, पहले भी संभाल चुके हैं जिम्मेदारी; शासन का आदेश आने तक देखेंगे कार्य ...
- भस्म आरती: महाकालेश्वर मंदिर में जयकारों के बीच हुई बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती, राजा स्वरूप में किया गया भगवान का दिव्य श्रृंगार!
- प्रयागराज कुंभ के लिए मुख्यमंत्री को मिला विशेष आमंत्रण! हरिद्वार से आए निरंजनी अखाड़ा प्रमुख ने मुख्यमंत्री यादव से की भेंट, उज्जैन में साधु-संतों के लिए भूमि आवंटन निर्णय को स्वामी कैलाशानंद ने बताया प्रशंसनीय
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग-चंदन और रजत मुकुट के साथ सजे बाबा महाकाल, भक्तों ने किए अद्भुत दर्शन
- महाकाल के दर पर पहुंचे बी प्राक, भस्म आरती में शामिल होकर लिया आशीर्वाद; करीब दो घंटे तक भगवान महाकाल की भक्ति में दिखे लीन, मंगलनाथ मंदिर में भी की पूजा
नवरात्रि में सर्वार्थ सिद्धि, अमृत व रवि योग का महायोग
उज्जैन: मां शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्रि 1 अक्टूबर से शुरू होगा। इस बार हस्त नक्षत्र में मां जगदम्बा का आगमन होगा। तिथि में वृद्धि के चलते नवरात्रि इस बार दस दिनों की रहेगी। इन दस दिनों में 5 दिन महामुहूर्त का दिव्य संयोग बन रहा है जो खरीदारी के लिए श्रेष्ठ माने गए हंै। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला ने बताया नवरात्रि में दिन की वृद्धि शुभ फलदायी मानी जाती है। उस पर भी ग्रह गोचर में यदि शुभ ग्रहों का गोचर काल बन रहा है तो यह विशेष शुभ फल प्रदान करती है। योग गणना से देखें तो इस बार नवरात्रि के दस दिनों में से पांच दिन विशेष योगों से परिपूर्ण है। यह साधना, आराधना तथा खरीदारी के लिए भी शुभ है। इन योगों में की गई खरीदी स्थायी समृद्धि प्रदान करेगी।
ललिता पंचमी पर दुर्लभ योग
6 अक्टूबर को ललिता पंचमी पर सर्वार्थ सिद्ध के साथ रवि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। यह दिन हर प्रकार की खरीदी के लिए शुभ है। पं. डिब्बावाला के अनुसार इस दिन कन्या के विवाह के लिए आभूषण, वस्त्र आदि की खरीदी मंगलकारी मानी गई है।
इन वस्तु की खरीदी शुभ
नवरात्रि के दौरान बनने वाले तीनों योग में स्वर्ण, रजत, ताम्र, पीतल, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, वस्त्र, आभूषण, एलआईसी पॉलिसी, देवी-देवताओं की मूर्तियां एवं चित्र आदि की खरीदी शुभ एवं फलदायी रहेगी।
यह रहेगा योग
सर्वार्थ सिद्धि योग
२ अक्टूबर को शाम ७.४० बजे से ३ अक्टूबर सुबह ६.२५ बजे तक।
४ अक्टूबर को शाम ६.३४ बजे से ५ अक्टूबर सुबह ६.२४ बजे तक।
६ अक्टूबर को सुबह ६.२४ से दिन में ११.४० बजे तक।
अमृत सिद्धि योग
५ अक्टूबर को सुबह ८.४३ बजे से ६ अक्टूबर को सुबह ६.३० बजे तक।
रवि योग
३ अक्टूबर को सुबह ५.४२ से दिन पर्यंत तक।
६ अक्टूबर को सुबह ११.४१ बजे से दिन पर्यंत।
५ अक्टूबर को सुबह ८.४३ बजे से ६ अक्टूबर को सुबह ८.४२ तक (अमृत+रवि योग)।