नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए पहली बार ऑनलाइन बुकिंग:नागपंचमी पर शीघ्र दर्शन टिकट के लिए ऑफलाइन काउंटर भी लगेंगे

श्री महाकालेश्वर मंदिर में स्थित श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन को आने वाले श्रद्धालु यदि शीघ्र दर्शन टिकट लेकर दर्शन करना चाहते हैं, तो ऑनलाइन बुकिंग भी करवा सकते हैं। पहली बार मंदिर प्रशासन ने नागचंद्रेश्वर की टिकट ऑनलाइन की है। इसके अलावा, शीघ्र दर्शन टिकट के ऑफलाइन काउंटर की व्यवस्था भी रहेगी। ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था संभवत: शनिवार से शुरू हो जाएगी। दर्शन व्यवस्था निर्धारित करने के लिए प्रशासन के अधिकारियों ने शुक्रवार को दौरा भी किया है।

महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खोला जाता है। इस बार भी 20 अगस्त की रात 12 बजे पट खुलेंगे। इसके पश्चात महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा-अर्चना की जाएगी। रात में पूजा के बाद दर्शनाें का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जो 21 अगस्त की आधी रात 12 बजे तक चलेगा।

मंदिर समिति ने भक्तों को नागचंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश के लिए पिछले वर्ष ही महाकाल मंदिर परिसर में फोल्डिंग ओवर ब्रिज का निर्माण किया है। खास है कि इस बार बाहर के भक्तों को परेशान नहीं होना पड़े, इसके लिए नागचंद्रेश्वर मंदिर में 300 रूपए की शीघ्र दर्शन टिकट मंदिर की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा, मंदिर समिति पांच जगह ऑफ लाइन टिकट के लिए काउंटर भी लगाएगी।

यहां से श्रद्धालु शीघ्र दर्शन टिकट प्राप्त कर सकते हैं। शुक्रवार को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, एसपी सचिन शर्मा, मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल सहित विभाग के अधिकारियों ने श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग, जूता स्टैंड, दर्शन व्यवस्था, टिकट काउंटर समेत मंदिर तक पहुंचने के मार्ग की व्यवस्था देखी है।

तीन दिन भीड़ अधिक होने की संभावना

19 अगस्त को शनिवार, 20 अगस्त को रविवार का अवकाश होने के बाद 21 अगस्त को श्रावण सोमवार के साथ ही नागपंचमी का महापर्व होने से महाकाल मंदिर में लगातार तीन दिन तक अधिक भीड़ होने की होगी। देशभर से श्रद्धालु शनिवार शाम से ही उज्जैन पहुंचने लगेंगे। दर्शनार्थी रविवार की मध्य रात्रि 12 बजे से नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए कतार में लग जाएंगे। वहीं, अगले दिन भगवान महाकाल की सवारी देखेंंगे। ऐसे में प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए भीड़ नियंत्रण व श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतर इंतजाम करना होंगे। कहा गया है कि दर्शन व्यवस्था पिछले साल के अनुसार ही रहेगी, लेकिन परिस्थिति को देखते हुए बदलाव भी किया जा सकता है।

सामान्य श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था

नागपंचमी पर श्री नागचन्द्रेश्वर के सामान्य दर्शनों के लिए आने वाले दर्शनार्थी भील समाज की धर्मशाला में वाहन पार्क कर दातार अखाड़ा की गली से चारधाम मंदिर के झिकझेग से होकर हरसिद्धि मंदिर चौराहा से होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से मंदिर के चार नबंर गेट और फिर विश्राम धाम पहुंचेंगे। विश्राम धाम की रैलिंग से नए ब्रिज के माध्यम से नागचन्द्रेश्वर मंदिर पहुंचकर दर्शन के बाद वापस विश्राम धाम से होकर मार्बल गलियारे से मंदिर के मुख्य पालकी गेट से बाहर होंगे।

इसी तरह, भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को हरसिद्धि जिगजैग से त्रिवेणी संग्रहालय व त्रिवेणी संग्रहालय से महाकाल लोक होकर मानसरोवर प्रवेश द्वार से होकर दर्शन करवाए जाएंगे। वापसी में श्रद्धालु निर्माल्य द्वार से निकल सकेंगे।

नागचंद्रेश्वर मंदिर
नागचंद्रेश्वर मंदिर

शीघ्र दर्शन टिकट व्यवस्था

शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले चारधाम मंदिर की ओर से आकर हरसिद्धि मंदिर चौराहे से शामिल होकर दूसरी कतार से सामान्य दर्शनार्थी के साथ ही मंदिर तक पहुंचेगे। वापसी में मुख्य गेट से बाहर होकर वापस बड़ा गणेश के सामने से होकर हरसिद्धि चौराहे तक पहुंचेंगे। हरसिद्धि से बड़ा गणेश मंदिर और मुख्य द्वार तक बेरिकेट्स दो स्तर से रहेंगे।

वीआईपी व्यवस्था

नागपंचमी पर्व पर मंदिर आने वाले वीवीआईपी के लिए निर्माल्य गेट से प्रवेश कराने के बाद सभा मंडप के ऊपर से होकर रैंप से विश्राम धाम पहुंचकर नए ब्रिज से दर्शन के बाद इसी मार्ग से वापसी हो सकती है। दूसरा विकल्प महाकाल मंदिर के नैवेद्य द्वार के समीप नागचंद्रेश्वर मंदिर के पुराने चढ़ाव से भी मंदिर तक ले जाया जा सकता है।

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