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नागपंचमी पर्व पर नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन प्लान:चारधाम से लाईन लगाकर मंदिर तक पहुचेंगे श्रद्धालू , जानिए क्या होगी व्यवस्था
उज्जैन। नागपंचमी के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर में तीसरे खंड पर स्थित भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर के मंदिर के पट सोमवार को रात 12 बजे बाद खुलेगें। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के महंत की ओर से मध्य रात्रि में पूजन होगा। प्रशासन द्वारा इस बार सामान्य श्रद्धालुओं को एक घंटे में दर्शन कराने के प्रयास किए जा रहे है। कारण है कि मंदिर में पहुंचने के लिए जो ब्रिज बना है उस ब्रिज से सहजता और शीघ्रता से दर्शन हो सकेंगे। नए ब्रिज को केंद्रीय भवन अनुसन्धान रुड़की और लोक निर्माण की और से एनओसी भी मिल चुकी है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ेगा। वर्ष में केवल एक बार 24 घंटे के लिए खुलने वाला नागचंद्रेश्वर का दरबार सोमवार को रात 12 बजे बाद महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज और सहयोगियों द्वारा खोला जाएगा। पूजन के बाद आम श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए नए फुट ओवरब्रिज से होकर मंदिर तक पहुंचने की व्यवस्था इस बार रहेगी। प्रशासन के अधिकारियों का मानना है कि नए ब्रिज के माध्यम से सामान्य श्रद्धालुओं को भी सहजता और शीघ्रता से दर्शन कराने में सुविधा मिलेगी। जिससे अधिक संख्या में श्रद्धालु दर्शन लाभ ले सकेंगे। माना जा रहा है कि इस बार अधिक संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए होगा।
नागचन्द्रेश्वर दर्शन के लिए ऐसी होगी दर्शन व्यवस्था
नागपंचमी पर श्री नागचन्द्रेश्वर के सामान्य दर्शन के लिए आने वाले दर्शनार्थी भील समाज की धर्मशाला में वाहन पार्क कर दातार अखाड़ा की गली से चारधाम मंदिर के झिकझेग से होकर हरसिद्धी मंदिर चौराहा से होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से मंदिर के चार नबंर गेट और फिर विश्राम धाम पहुंचेगें। विश्राम धाम की रैलिंग से नए ब्रिज के माध्यम से नागचन्द्रेश्वर मंदिर पहुंचकर दर्शन के बाद वापस विश्राम धाम से होकर मार्बल गलियारे से मंदिर के मुख्य पालकी गेट बाहर होगें।
नागचंद्रेश्वर शीघ्र दर्शन व्यवस्था
नागचंद्रेश्वर मंदिर में शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर से आकर हरसिद्धी मंदिर चौराहे से शामिल होकर दूसरी कतार से सामान्य दर्शनार्थी के साथ ही मंदिर तक पहुंचेगे। वापसी में मुख्य गेट से बाहर होकर वापस हरसिद्धी चौराहे तक पहुंच सकेंगे।
VVIP व्यवस्था
नागपंचमी पर्व पर मंदिर आने वाले वीवीआईपी के लिए निर्माल्य गेट से प्रवेश कराने के बाद सभा मंडप के ऊपर से होकर रैंप से विश्राम धाम पहुंचकर नए ब्रिज से दर्शन के बाद इसी मार्ग से वापसी हो सकती है। दूसरा विकल्प महाकाल मंदिर के नैवेद्य द्वार के समीप नागचंद्रेश्वर मंदिर के पुराने चढ़ाव से भी मंदिर तक ले जाया जा सकता है। वापसी में भी सहजता होगी।
(दर्शन का यह प्रारंभिक प्लान है। इसमें फेरबदल संभव है। अंतिम प्लान कलेक्टर द्वार तय होगा)