नागपंचमी पर विशेष:उज्जैन में बन रहा देश का पहला रिसर्च बेस्ड स्नेक इंफोटेनमेंट पार्क

सांपों से जुड़ी किताबों और जानकारी का बनेगा गढ़, 30 तरह के कोर्स शुरू करवाए जाएंगे, सर्टिफिकेट के जरिए वन विभाग में नौकरी मिलना होगा आसान
सांपों के बचाव और उनकी प्राकृतिक विशेषताओं को लोगों के सामने रखने के लिए वसंत विहार कॉलोनी सर्प उद्यान का स्वरूप पूरी तरह से बदला जा रहा है। लोगों को सांपों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए भारत का पहला रिसर्च बेस्ड स्नेक इंफोटेनमेंट पार्क तैयार किया जा रहा है। इसे बनाने में करीब डेढ़ साल में 2 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

इसका निर्माण सभी उम्र के लोगों को ध्यान में रखकर होगा। यहां बच्चों के लिए विशेष क्विज रखे जाएंगे, ताकि वे सांप से डरने की बजाए उनके बारे में जानने के लिए जिज्ञासु बनें। पार्क की खास बात यह होगी कि यहां सांपों को कैद रखने की बजाए आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए माॅडल और विशेष रूप से तैयार सिलिकॉन के सांपों का उपयोग किया जाएगा।

देश-विदेश के अलग-अलग विशेषज्ञों की सलाह से इसे डिजाइन किया जा रहा है। इसमें सुंदर इंटीरियर और आधुनिक वॉल डेकोरेशन के साथ म्यूजियम की तर्ज पर लाइटिंग की जाएगी। पार्क को तीन भागों में बांटा गया है, जहां अलग-अलग प्रकार की जानकारियां मिल सकेंगी। अधिकांश लोगों को अपने स्थानीय क्षेत्र में पाए जाने वाले सांपों की जानकारी नहीं होती है। बहुत कम सांप ही जहरीले होते हैं लेकिन जानकारी के अभाव के चलते लोग उन्हें देखते ही मार देते हैं। पिछले कई सालों में सांपों की जनसंख्या कम होती जा रही है।

इसे ध्यान में रखते हुए पहले भाग में उज्जैन और इसके आसपास पाए जाने वाले सांपों का विवरण मिलेगा। जिले में पाई जाने वाली सांपों की करीब 23 प्रजाति की जानकारी मॉडल और बैनर के जरिए मिल सकेगी। मध्य भारत में पाए जाने वाले सभी सांपों की जानकारी दी जाएगी, जहां नाम, फोटो, विशेषता जैसी जानकारी मिलेगी। सांप इस दुनिया में कैसे आए, उनका विकास कैसे हुआ, वे चलते व सुनते कैसे हैं, ऐसी सभी जानकारी यहां मनोरंजन के साथ मिलेगी। सर्प अनुसंधान संगठन के संस्थापक संचालक डाॅ. मुकेश इंगले ने बताया काम बहुत हद तक पूरा हो चुका है। शीघ्र ही पार्क का शुभारंभ होगा। इधर निगम अधिकारी पार्क निर्माण मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे।

दूसरा भाग : दुनिया के सांपों की जानकारी व बच्चों के लिए क्विज
दूसरे भाग में पूरी दुनिया के सांपों के बारे में जानकारी होगी। कौन सा देश सांपों के मामले में कितना समृद्ध है, यह सभी आधुनिक तकनीक और मैप के जरिए बताया जाएगा। किस देश में कौन सा सांप पाया जाता है, यह भी आसानी से पता चल सकेगा। बच्चों के लिए क्विज भी रहेगा, जहां फोटो के माध्यम से प्रश्न पूछकर सांपों से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। बड़े-बड़े बैनर के जरिए बताया जाएगा कि सांपों की आंतरिक संरचना कैसी होती है, कौन से जहरीले और कौन से जहरीले नहीं होते ताकि सभी सांपों के प्रति डर कम हो सके। इस भाग में सांपों से जुड़े धार्मिक पहलू की बात भी की जाएगी।

तीसरा भाग : लेबोरेटरी रहेगी रिसर्च के लिए मददगार
तीसरे भाग में हर्पेटोलाॅजी रिसर्च लेबोरेटरी रहेगी, जो सांपों पर रिसर्च करने आए लोगों के लिए मददगार होगी। यहां सांपों से जुड़ी सभी किताबें, रिसर्च पेपर होंगे साथ ही ई-लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी। इसमें स्टूडेंट भी आकर पढ़ सकेंगे। एक ट्रेनिंग सेंटर और सेमिनार हॉल रहेगा, जहां 30 तरह के कोर्स सिखाए जाएंगे। इनमें से 5 ऐसे कोर्स बताए जा रहे हैं, जो पूरे भारत में कहीं और नहीं होते। यहां वन, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। सार्टिफिकेट भी मिलेंगे, जिनके आधार पर वन विभाग में नौकरी के अवसर भी मिल सकेंगे।

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