नेशनल कुकीज डे : दिल की बात दिल तक पहुंचाने का नया अंदाज

कुकीज के फ्लेवर से पता चल जाता है सामने वाले के दिल का हाल
उज्जैन. हर उम्र में अपने दिल की बात कहने का अंदाज उपहार ही होता है। उपहार भी यदि मीठा हो तो बात ही क्या। आज के दौर में कुकीज के कई तरह के फ्लेवर बाजार में उपलब्ध हैं। युवक-युवतियों में खुशी का इजहार करने के लिए सिर्फ कुकीज ही है, जो बिना कहे सबकुछ कह देती है। नेशनल कुकीज डे पर शहर के युवाओं से पत्रिका ने चर्चा की तो उन्होंने कहा कि कुकीज के फ्लेवर से ही सामने वाले के दिल का हाल पता चल जाता है।
राष्ट्रीय कुकीज दिवस प्रत्येक वर्ष ६ दिसंबर को मनाया जाता है। कुकीज को खाने के लिए बच्चा होना जरूरी नहीं, यह हर उम्र के लोगों की पहली पसंद होता है। बच्चे से लेकर युवा और वृद्ध सभी में इसका क्रेज है। कुकीज की मिठास और मजेदार स्वाद किसी को भी प्रभावित कर देता है। कुकीज के प्रति आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है। कुकीज खूबसूरत चमचमाते पैक के कारण भी दिल को लुभाती है। आजकल इसके पैकिंग और भी आकर्षक हो गए हैं। साथ ही बर्थडे और अपनी खुशी का इजहार करने के लिए ये गिफ्ट पैक में भी दी जा रही है। फ्रीगंज स्थित बेकरी के संचालक पुनीत बजाज ने बताया कि कुकीज के अनेक फ्लेवर मार्केट में उपलब्ध हैं। इनमें चॉकलेट ब्राउनी, ड्राय केक, ड्रायफ्रूट केक, ब्लैक एंड व्हाइट कुकीज, कॉफी फ्लेवर आदि का चलन बढ़ गया है। इसके अलावा युवाओं को फास्ट फूड, पास्ता, पिज्जा, बर्गर, सैंडविच, स्नैक्स आदि अधिक पसंद आते हैं।
बचपन में दोस्तों के साथ चुराते थे टॉफी
विद्यापति नगर नानाखेड़ा निवासी मोहित सिंह परिहार ने कुकीज डे पर अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि हममें से ज्यादातर बच्चे बचपन में टॉफियां चुराया करते थे। दुकान पर जाते और जार से कुकीज चुरा लेते थे। बाद में अपनी इस हरकत पर सभी दोस्त मिलकर खूब हंसते थे। अब व्यस्तताएं बढ़ गई, जिम्मेदारियां इतनी हो गई, लेकिन कुकीज सामने आते ही बचपन की वो शरारत फिर से ताजा हो जाती है, तो हंसी आती है।
सबसे अच्छा लगता है इसका स्वाद
अमीषा श्रीवास्तव ने बताया कि कुकीज का शौक मुझे हमेशा से है। स्कूल जाते समय भी मैं अपने साथ कुकीज ले जाया करती थी। आज भी दोस्तों के साथ हम कहीं घूमने जाते हैं, तो यह साथ ले जाते हैं। इसका स्वाद मुझे सबसे अच्छा लगता है।