यदि आपके मन में पितरों के प्रति सच्ची भावना है और आप उन्हें सच्चे मन से मोक्ष प्रदान करवाना चाहते हैं, तो एक बार रामघाट पर 84 महादेव में 76वां स्थान रखने वाले अरुणेश्वर महादेव का पूजन अर्चन जरूर करें। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि यदि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर इनका पूर्ण श्रद्धा से पूजन अर्चन किया जाता है तो नर्क में यातना भोग रहे पितृगण पूर्ण रूप से तृप्त होकर स्वर्ग में गमन करते हैं और आशीर्वाद भी प्रदान करते हैं।
84 महादेव में 76वां स्थान रखने वाले श्री अरुणेश्वर महादेव भी कुछ ऐसे ही चमत्कारी देव हैं, जिनके दर्शन करने मात्र से ही पितृदोष से मुक्ति मिलती है। मंदिर के पुजारी पंडित यशवंत व्यास व पं. कपिल व्यास के अनुसार श्री अरुणेश्वर महादेव मंदिर रामघाट पर धर्मराज मंदिर के ठीक सामने ऊंचे स्थान पर स्थित हैं, जो कि अतिप्राचीन एवं दिव्य है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्री अरुणेश्वर शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं जिनकी प्रतिमा काले पाषाण की है। जबकि गर्भगृह में माता पार्वती, गणेश जी और भैरव महाराज की प्रतिमा के साथ ही भगवान नृसिंह की भी आकर्षक प्रतिमा है। वैसे तो मंदिर में वर्ष भर कई आयोजन होते हैं, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा पर मंदिर में भगवान श्री अरुणेश्वर को अन्नकूट का विशेष भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही मंदिर में भगवान श्री नृसिंह की प्रतिमा विराजमान होने के कारण नृसिंह जयंती की धूम भी मंदिर में दिखाई देती है।
पट्टिकाओं पर लिखे हैं मंत्र
मंदिर में कुछ पट्टिकाओं पर भगवान श्री अरुणेश्वर की स्तुति के लिए द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र, शिवपंचाक्षरस्तोत्र, शिव मानस पूजा स्तोत्र, श्री रुद्राष्टकम महामृत्युन्जय मंत्र आदि संगमरमर पर अंकित हैं। जिनका प्रतिदिन जाप मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के द्वारा किया जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त में पूजन, शाम को होती है आरती
पुजारी पंडित यशवंत व्यास ने बताया कि मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त से ही पूजन अर्चन का क्रम शुरू हो जाता है, जो कि देर शाम तक सतत् जारी रहता है। मंदिर में श्रावण मास ही नहीं बल्कि वर्ष भर श्रद्धालु भगवान का पूजन अर्चन करने आते हैं, क्योंकि रामघाट एक ऐसा स्थान है जहां भगवान श्रीराम ने भी भगवान दशरथ की मुक्ति के लिए पूजन अर्चन किया था। इसीलिए मंदिर में पितृशांति के लिए भी श्रद्धालु पूजन अर्चन करने पहुंचते हैं। मंदिर में अभिषेक पूजन रुद्राभिषेक के साथ ही विशेष श्रृंगार कर श्रावण मास में महाआरती की जा रही है।