पूरे देश में एक भी यात्री ट्रेन का संचालन नहीं

167 वर्षों में पहली बार ऐसा रेल दिवस

उज्जैन-  16 अप्रैल 1853 को देश में पहली रेल का संचालन पटरियों पर शुरू हुआ था। 167 वर्षों के इतिहास में संभवत: यह पहला अवसर है जब किसी वायरस की वजह से पूरे देश में पैसेंजर ट्रेनें पूरी तरह बंद हैं और पटरियों पर सिर्फ मालगाडिय़ां ही दौड़ रही हैं।

रेलवे अधिकारियों ने चर्चा में बताया कि देश की करीब 5 करोड़ आबादी प्रतिदिन ट्रेनों में सफर करती है। वर्तमान में लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद है। रेलवे द्वारा प्रतिवर्ष 16 अप्रैल को रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि वायरस के संक्रमण की वजह से रेल दिवस नहीं मनाया जा रहा।

उज्जैन रेलवे स्टेशन वर्तमान में आमजन के लिये पूरी तरह प्रतिबंधित क्षेत्र है। परिसर में बेरिकेटिंग के अलावा प्रवेश द्वार, टिकिट विंडो, पूछताछ कार्यालय के आसपास पतरे ठोक कर रास्ते बंद कर दिये गये हैं।

हालांकि ट्रेन संचालन का स्टाफ, जीआरपी, आरपीएफ के जवानों के साथ सफाईकर्मी यहां अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। सभी प्लेटफार्म पर सुबह-शाम सफाई कार्य भी प्रतिदिन चल रहा है। आरपीएफ के जवानों ने बताया कि जो मालगाड़ी प्लेटफार्म पर रुकती हैं उनके ड्रायवर और गार्ड के कैबिनों को सेनेटराइज भी किया जाता है।

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