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पॉलैंड के दल ने उज्जैन में तलाशी व्यापार की संभावनाएं
उज्जैन | अब यूरोपियन कंट्री में मालवा के कृषि उत्पाद बिकेंगे। इसके लिए पॉलैंड से आए दल ने उज्जैन में संभावनाएं तलाशी। यदि सब कुछ सही रहा तो किसान सीधे विदेशों में उपज बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकेंगे। पॉलैंड से आए केरोल चिमनगंज के मंडी व्यापारी शिरीष गुप्ता के मित्र हैं और उन्हीं के आमंत्रण पर भारत आए और फिर बुधवार को उज्जैन पहुंचे। उन्होंने मालवा के एग्रो प्रोडक्ट गेहूं, चना, सोयाबीन आदि की एक्सपोर्ट में कितनी मांग है और यूरोपियन देश में इसे किस तरह बेचा जाए, इस पर अध्ययन किया। साथ ही नमूने भी लिए। पहली बार उज्जैन आए केरोल ने यहां कैसे काम होता है और व्यापार को समझा।
श्री गुप्ता ने उन्हें सभी महत्वपूर्ण तथ्यों और जानकारियों से अवगत करवाया। श्री गुप्ता ने बताया केरोल का पॉलैंड में कृषि उपज के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का बड़ा कारोबार है। उन्हें मालवा के कृषि उपज की जानकारी दी थी जिसके बाद उन्होंने इसमें रुचि ली और इसी के चलते वे यहां आए। यदि सब कुछ सही रहा तो जल्द ही मालवा में भी व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे। किसान भी विदेशों में उपज बेचकर ज्यादा लाभ कमा सकेंगे। उज्जैन आगमन पर अनाज तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष दिलीप गुप्ता, प्रदेश महामंत्री प्रकाश तल्लेरा एवं शिरीष गुप्ता ने केरोल का स्वागत किया। उज्जैन में व्यापार की संभावनाएं तलाशने के बाद केरोल गुरुवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो गए जहां से वे पॉलैंड जाएंगे।