प्रोफेशनल चोरों का नया ट्रेंड, सुबह के समय कर रहे चोरी

उज्जैन | शहरके सबसे प्रमुख और व्ययस्तम क्षेत्र टॉवर चौक पर मंगलवार सुबह पौने छह बजे मोबाइल शोरूम में चोरी हुई। दो युवक शटर का वेल्डिंग लॉक तोड़कर शोरूम में रखे 4.50 लाख रुपए कीमत के 31 मोबाइल चुरा ले गए। महज 14 मिनट में चोरों ने मोबाइल बाक्स से निकाल झोले में भरे और निकल गए। फ्रीगंज में सालभर पूर्व भी मोबाइल दुकान इसी तरह की बड़ी चोरी हुई थी। उसके बाद यह दूसरी वारदात है। इसी तरह की चोरी आठ दिन में अजमेर और रतलाम शहर के मोबाइल शोरूम में भी हुई। तीनों ही चोरी में घटना का समय सुबह 5.30 से 6 बजे के बीच ही है। एक ही गैंग तीनों वारदात में शामिल हो सकती है।

गार्ड के जाने का इंतजार, फिर 14 मिनट में चोरी

टॉवरचौपाटी पर एमपी सीजी डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने चार माह पूर्व मोबाइल शोरूम खोला। शोरूम से मंगलवार सुबह 31 ब्रांडेड मोबाइल, 20 हजार रुपए कैश की चोरी हुई। घटना सुबह पौने छह बजे की थी, शोरूम खोलने कर्मचारी हरिओम पंवार 10.30 बजे पहुंचा तब साढ़े चार घंटे बाद चोरी का पता चला। माधवनगर पुलिस ने शोरूम टॉवर चौराहा पर लगे सीसीटीवी फुटेज चेक किए जिसमें दो युवक 15 मिनट हारफूल दुकान वाले कार्नर पर खड़े होकर रैकी करतेे नजर आए। संभवत: चोरों ने शोरूम के पास प्राइवेट बैंक के गार्ड के घर जाने का इंतजार किया। जैसे ही वह निकला, शोरूम में घुस गए। फुटेज में चोर देवासगेट से फ्रीगंज आते दिखे वारदात के बाद पैदल तीनबत्ती मार्ग की और चले गए। एरिया सेल्स मैनेजर रवि कुमार शोरूम मैनेजर प्रियंका उपाध्याय ने बताया शोरूम में लाइव डेमो मोबाइल भी थे जिनमें सायरन लगा था। चोरों ने सायरन के तार काटे और उन्हें भी ले गए। तीन मोबाइल पीछे की ओर गिर गए थे जो उन्हें दिखे नहीं इस कारण वह छूट गए।

उज्जैन-रतलाम के अफसर बोले-एक ही गैंग

उज्जैनएसपी सचिन अतुलकर ने इसे प्रोफेशनल गैंग बताया है। वहीं रतलाम एएसपी डॉ. राजेश सहाय ने कहा तीनों वारदात में निश्चित रुप से ही गैंग है जो संभवत: बिहार की हो सकती है। तीनों शहरों की पुलिस संपर्क में है। कोटा में भी इसी तर्ज पर कुछ दिन पहले चोरी का पता चला है वहां की भी जानकारी जुटा रहे है।

प्रोफेशनल चोरों का नया ट्रेंड

चोरी अमूमन रात में तीन से पांच बजे के बीच होती है। प्रोफेशनल गैंग की वारदाते देख यह माना जा रहा है कि चोरों ने ट्रेंड बदल लिया। संभवत: इसलिए कि सुबह पकड़े जाने का खतरा नहीं होता। पुलिस गश्त खत्म कर जाने को होती है। लोग भी सुबह उठकर इस समय दिनचर्या में व्यस्त हो जाते हैं। यह गैंग इसी कारण आसानी से चोरी कर बस-ट्रेन पकड़ निकल जाती है।

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