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- भस्म आरती : बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार मस्तक पर त्रिशूल चंद्र मुकुट अर्पित करके किया गया!
- श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची CBRI की टीम, वरिष्ठ वैज्ञानिक आर शिव चिदंबरम है टीम में शामिल; प्राचीनतम मंदिर के ढांचे की कर रही है जांच
- भस्म आरती: बाबा महाकाल को भांग, चन्दन, त्रिपुंड और आभूषण किए गए अर्पित, भक्तों को राजा स्वरूप में दिए दर्शन
बाबा महाकाल की भस्म आरती, भांग और सूखे मेवों से हुआ मनमोहक शृंगार, गूंजे जयकारे
सार
श्रावण कृष्ण पक्ष की द्वादशी पर गुरुवार को सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। आज के शृंगार की विशेषता यह रही कि बाबा महाकाल भांग और ड्रायफ्रूट से सजे इस दौरान उनके मस्तक पर नवीन मुकुट लगाया गया।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रावण कृष्ण पक्ष की द्वादशी पर गुरुवार को सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान का शुद्ध जल से स्नान, पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। आज के शृंगार की विशेषता यह रही कि बाबा महाकाल भांग और ड्रायफ्रूट से सजे इस दौरान उनके मस्तक पर नवीन मुकुट लगाया गया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। इसके बाद पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गया।