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बिगड़ा मौसम…24 घंटे से जारी मावठे के कारण बढ़ गई ठंडक…
दिन के तापमान में 4.5 डिग्री की गिरावट रात का पारा 15 पर आया, शहर ठिठुराया
उज्जैन। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के लो-प्रेशर के कारण आसमान पूरी तरह बादलों के कब्जे में है। 24 घंटे से जारी मावठे ने मौसम का मिजाज बिगाड़ दिया है। दिन के तापमान में 4.5 डिग्री की गिरावट आ गई, तो रात का पारा 15 डिग्री दर्ज किया गया है। मौसम के बिगड़े मिजाज से जोरदार ठंड के हमले ने सभी को ठिठुरा दिया।
बीते तीन दिनों से हल्के बादल छाए हुए थे। सुबह से आसमान में घने बादलों का डेरा था। हल्की धुंध और ठंडी हवाओं से वातावरण एकदम ठंडा था। बुधवार दोपहर को एक बार फिर मौसम ने करवट ली और करीब तीन बजे शुरू हुई बूंदाबांदी का दौर पूरी रात चलते रहने के साथ गुरुवार दोपहर तक जारी रहा।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम और अरब सागर से आई नमी से शहर में बूंदाबांदी हो रही है। करीब 24 घंटे से रह-रह कर जारी इस बूंदाबांदी ने न केवल शहर को तरबतर कर दिया, साथ ही सभी को ठंड में ठिठुरा दिया।
मावठे के कारण वातावरण में ठंडक घुल गई। इस कारण दिनभर शहर के लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। बुधवार को अधिकतम (दिन) तापमान का 21 रहा। इसमें एक दिन पूर्व 25.5 डिग्री था। न्यूनतम 15 डिग्री दर्ज किया। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दो दिन सर्द हवा के साथ मावठा गिरने के आसार है।
गेहूं और चने को फायदा
कृषि जानकारों के अनुसार गेहूं की बोवनी को लगभग एक महीना हो चुका है, सिंचाई की जरूरत महसूस की जा रही है। किसानों को मावठे से एक सिंचाई की जरूरत नहीं होगी। इसी प्रकार जिन किसानों ने असिंचित जमीन में चने की बोवनी कर दी है उन्हें अलग से सिंचाई करने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि इस मावठे का प्रभाव मौसमी सब्जियों पर हो सकता है। सतत बारिश की वजह से पैदावार प्रभावित होने की आशंका है।
आगे क्या
पश्चिमी विक्षोभ के 4 दिसंबर को सक्रिय होने की संभावना है। इसके प्रभाव से शहर में सर्दी में बढ़ोतरी होगी।
गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी जारी रहने का अनुमान है।
धुंध और कोहरा छाने से विजिबिलिटी कम हो सकती है।
बादल छंटने के बाद अचानक से रात का पारा नीचे आएगा।
मौसम विभाग के अनुसार ओले गिरने की आशंका है।