21 महीने बाद भगवान महाकाल का स्पर्श पाकर भक्त हुए प्रसन्न

1 घंटा 45 मिनट में 800 लोगों का गर्भगृह में प्रवेश

उज्जैन।21 महीने बाद श्री महाकाल मंदिर में सोमवार से गर्भगृह में प्रवेश शुरू हो गया है। पहले दिन सुबह आरती में संघ के पूर्व संघचालक भैयाजी जोशी, महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़, पुजारी, पुरोहित सहित श्रद्धालु मौजूद थे। सभी ने भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजन किया। इसके बाद आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश दिया गया। एक घंटे 45 मिनट में आठ सौ भक्तों ने गर्भगृह में पहुंचकर भगवान महाकाल के निकट से दर्शन किए।

कोविड-19 के चलते श्रद्धालु मार्च 2020 के बाद अब बाबा महाकाल को स्पर्श कर पाएंगे। श्रद्धालुओं को केवल जल अर्पित करने की ही अनुमति दी गई है, पूजन नहीं कर सकेंगे। भस्मआरती में शामिल श्रद्धालुओं को आरती के समय गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। प्रवेश के नियम वही रखे हैं गए हैं, जो कोविड गाइडलाइन के पहले से निर्धारित हैं।

कमेटी की अनुशंसा पर गाइड लाइन

नवंबर में राज्य शासन द्वारा कोरोना के सभी प्रतिबंध समाप्त कर देने के बाद मंदिर प्रबंध समिति ने 25 नवंबर की बैठक में 6 दिसंबर से गर्भगृह में श्रद्धालुओं को प्रवेश देने का निर्णय लिया था। इसके लिए नई गाइड लाइन बनाने के लिए समिति ने कमेटी का गठन किया था। कमेटी की अनुशंसा के आधार पर रविवार को नई गाइड लाइन जारी कर दी है।

ऐसे मिलेगी गर्भगृह में एंट्री

1500 रुपए की रसीद पर 2 श्रद्धालु, लघु रुद्र की रसीद पर 3 श्रद्धालु और महारुद्र की रसीद पर 5 श्रद्धालु गर्भगृह में जा सकते है। श्रद्धालु भगवान का केवल जलाभिषेक ही कर सकते हैं। श्रद्धालु के परिवार के तीन सदस्यों को गर्भगृह में जल अर्पित करना है तो उन्हें 1500 रुपए की रसीद के अलावा 1000 रुपए की अतिरिक्त रसीद बनवाना होगी।

बड़ी संख्या में महाकाल मंदिर पहुंचे श्रद्धालु

सोमवार से अलग-अलग टाईम में आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश दिया गया। बड़ी संख्या में लोग दर्शनों को पहुंचे। मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ भस्मआरती के बाद सुबह 6.15 बजे से आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश शुरू किया गया। यह सिलसिला सुबह 7.15 बजे तक चला इसके बाद गर्भगृह में प्रवेश को आरती के लिये रोका गया। 7.15 से 8 बजे तक आरती सम्पन्न होने के दौरान बेरिकेड्स से लोगों ने भगवान के दर्शन किये। 8 बजे से गर्भगृह में फिर प्रवेश दिया गया जो 8.45 बजे तक चला। कुल 1 घंटा 45 मिनिट में 800 लोगों ने गर्भगृह में भगवान महाकाल को जल चढ़ाकर स्पर्श, दर्शन पूजन किया।

फूल प्रसाद प्रतिबंधित रहा

मंदिर समिति द्वारा गर्भगृह में फूल प्रसाद लेकर प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। यहीं पर भगवान को जल अर्पित करने के लिये लौटे दिये गये जिससे लोगों ने भगवान महाकालेश्वर को जल चढ़ाया। गर्भगृह में फूल प्रसाद नहीं चढ़ाने के चलते कम समय में लोग दर्शन कर बाहर की ओर आ रहे थे। मंदिर कर्मचारियों ने बताया कि पूर्व में हुई गणना के मुताबिक यदि श्रद्धालुओं को गर्भगृह से दर्शन कराये जाते हैं तो एक घंटे में 500 से 550 लोग दर्शन करते हैं जबकि बेरिकेड्स से एक घंटे में 1500 लोग दर्शन करते हैं।

गर्भगृह में प्रवेश के बाद अलग-अलग अनुभव

कोरोना गाइड लाइन के कारण मंदिर के गर्भगृह में दर्शन प्रतिबंधित किये गये तो हम प्रतिदिन बेरिकेड्स से भगवान के दर्शन करते थे। लंबे समय बाद गर्भगृह में जाने की खबर मिली तो सुबह सबसे पहले लाइन में लग गये। भगवान को स्पर्श कर अनंत शांति का अनुभव हुआ।मधुसुदन यादव, निवासी पानदरीबा

गर्भगृह में प्रवेश कर भगवान को स्पर्श और दर्शन करने की लंबे समय से इच्छा थी लेकिन कोरोना गाइड लाइन के कारण गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाये। आज से गर्भगृह में प्रवेश की जानकारी मिलने के बाद भस्मार्ती के बाद फिर से लाइन में लगे। भगवान को जल अर्पित कर धन्य हुए।-राखी शर्मा, ऋषि नगर

प्रतिबंध के बाद नियम बदल गये अब जबकि मंदिर समिति ने फिर से गर्भगृह में प्रवेश का निर्णय लिया है तो भगवान को जल चढ़ाने का मौका मिला। पत्नी के साथ 1 घंटे इतजार के बाद गर्भगृह में प्रवेश पाकर अच्छा महसूस किया। प्रवेश के लिए और रियायत देनी चाहिए-निखिल आम्रे, गणेश कालोनी

सीधी बात मंदिर प्रशासक से

गर्भगृह में प्रवेश प्रारंभ होने पर महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ से सीधी बात के अंश…

मंदिर समिति के निर्णय से लोगों की क्या प्रतिक्रिया रही?

लोगों में खुशी का माहौल है। मंदिर समिति द्वारा निर्धारित समय में अधिक से अधिक लोगों को गर्भगृह में प्रवेश देकर भगवान के दर्शन कराने का प्रयास कर रही है।

पहले दिन किस प्रकार का रिस्पांस रहा?

सुबह लोगों की संख्या सामान्य थी। लोगों ने आसानी से गर्भगृह में प्रवेश कर भगवान को जल चढ़ाया। आरती के समय प्रवेश बंद करने के बाद पुन: गर्भगृह में प्रवेश दिया गया।

आगे क्या रहेगी व्यवस्था?

वर्तमान में सामान्य दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा है। इसकी मॉनीटरिंग भी कर रहे हैं। यदि भीड़ बढ़ती है तो गर्भगृह में प्रवेश पर पुन: निर्णय लेना पड़ सकता है। कुल मिलाकर लोगों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए आगे की व्यवस्था की जायेगी। फिलहाल यह व्यवस्था प्रायोगिक है और आगे इसमें स्थिति अनुसार परिवर्तन भी संभव है।

ऐसी रहेगी व्यवस्था: सुबह 6.15 से 7.15 तक, दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक जलाभिषेक तथा रात्रि 8 बजे से 9 बजे तक 1500 रुपए की रसीद बनवाकर दर्शन कर सकेंगे। ठ्ठ रसीद बनवाने वाले श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर मंदिर के गेट नंबर-4 से प्रवेश कर विश्राम धाम से सभा मंडप चांदी द्वार से गर्भगृह दर्शन के लिए प्रवेश कर सकेंगे। ठ्ठ सामान्य दर्शनार्थी शंख द्वार से फेसिलिटी सेंटर, मंदिर परिसर, कार्तिकेय मंडपम से रैंप उतरकर गणेश मंडपम के बेरिकेड्स से नंदीगृह से होते हुए गर्भगृह में प्रवेश करेंगे।

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