बिलों में गड़बड़ी:अस्पताल की 20 चादर धुलाई का शून्य बढ़ाकर 2000 का पेमेंट करवाया, 18 लाख की पेनल्टी सहित 41 लाख रुपए की रिकवरी अब तक पेंडिंग

जिला अस्पताल व चरक अस्पताल में ठेका पद्धति से करवाए जाने कार्यों के ऐसे हाल है कि बिलों में गड़बड़ी कर भुगतान करवाया जाता है। ऐसा ही मामला चरक अस्पताल में संचालित की जाने वाली मैकेनिज्म लांड्री के बिलों में भी किया गया। इसमें अस्पताल की 20 चादर लांड्री में धुली गई और इसमें एक शून्य बढ़ाकर 200 चादर तथा 200 चादर की धुलाई होने पर एक शून्य बढ़ाकर 2000 चादर को धुलवाया जाना दर्शाया गया। जिला अस्पताल प्रशासन तो गड़बड़ी नहीं पकड़ पाया लेकिन ग्वालियर से आई ऑडिट टीम ने गड़बड़ी पकड़ी। इसमें उन्होंने बिल की प्रति में ओवर राइटिंग पाई थी और इसका भौतिक सत्यापन करवाया था। इसमें पाया कि जिला अस्पताल के जिस वार्ड से केवल 20 चादर धोने व प्रेस करने के लिए लांड्री में भेजी थी, उसमें 200 चादर धोई जाना दर्शाई थी।

जिसे लेकर ठेका कंपनी पर 18 लाख की पेनल्टी लगाई और 23 लाख की रिकवरी भी निकाली। इस तरह से कुल 41 लाख की वसूली ठेका कंपनी गुमास्ते कांट्रेक्टर से की जाना है, जो कि एक साल बाद भी जिला अस्पताल प्रशासन नहीं कर पाया है। जून-2016 में मैकेनिज्म लांड्री का ठेका मेसर्स गुमास्ते कांट्रेक्टर ज्योतिनगर को पांच साल के लिए दिया था। जिसने बिलिंग में गड़बड़ी किए जाने के साथ में अस्पताल की बिजली का उपयोग किया। अस्पताल के अधिकारियों का तर्क है बिजली बिल की खपत यूनिट का निराकरण नहीं हो पाने की वजह से रिकवरी नहीं हो पाई है। पूर्व में जिस दर पर बिजली की खपत यूनिट जोड़ी थी, उसे ठेका कंपनी के संचालक ने मानने से इनकार कर दिया था, ऐसे में अब बिजली कंपनी के ही किसी अधिकारी की मदद लेकर बिलिंग करवाई जाएगी। यह इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि ठेका कंपनी ने चरक अस्पताल की बिजली का उपयोग कर मशीनों का संचालन किया। इसके बिल की राशि की वसूली ठेका कंपनी से की जाना है। आर्थिक अनियमितता व गड़बड़ी की श्रेणी के मामले में अब अधिकारी यह भी स्पष्टीकरण दे रहे हैं कि ठेका कंपनी के बिल की राशि में से राशि काटकर भरपाई की जाएगी।

ऐसे पकड़ में आई थी गड़बड़ी

जिला अस्पताल के वार्ड के रजिस्टर से मिलान करने पर टीम को पता चला था कि वहां के रिकाॅर्ड में कम चादर दर्ज थे और कांट्रेक्टर के प्रपत्र में ज्यादा दर्शाई गई। यानी सीधे तौर पर गड़बड़ी की। जांच में यह भी पाया कि कांट्रेक्टर ने चरक अस्पताल के बिजली कनेक्शन से लांड्री में बिजली का उपयोग किया। उनसे करीब 23 लाख की बिजली जलाई और बिल भरने की बारी आई तो उसने हाथ खड़े करते हुए बिल की राशि जमा करने से इनकार कर दिया। जिला प्रशासन के पास में यह मामला पहुंचने पर कमेटी का गठन किया जाकर जांच करवाई गई। इसमें बिलों में गड़बड़ी पाई जाने पर कांट्रेक्टर पर 18 लाख की पेनल्टी सहित कांट्रेक्टर पर करीब 41 लाख की राशि निकाली गई।

ठेका समाप्त किया

गड़बड़ी के चलते ठेका समाप्त किया जा चुका है और नया ठेका कर दिया गया है। बिजली की खपत यूनिट की दर का इशू है। जिसमें बिजली कंपनी के अधिकारियो की मदद लेकर बिजली बिल की बिलिंग करवाई जाएगी। ठेका कंपनी से पूरी रिकवरी की जाएगी।
डॉ.पीएन वर्मा,सिविल सर्जन सह-अस्पताल अधीक्षक

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