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ब्लैक स्पॉट में छोटे सुधार से हादसे हुए कम
बारिश शुरू हो चुकी है। ऐसे में यातायात व परिवहन विभाग सहित अन्य जिम्मेदार एजेंसियों ने जिले के ब्लैक स्पॉट (लगातार दुर्घटनाओं वाले क्षेत्र) की सूची भी अपडेट कर ली है। सूची में 11 ब्लैक स्पॉट शामिल हैं। इनमें से 9 स्टेट हाइवे के और दो अन्य मार्ग के हैं। इन ब्लैक स्पाॅटों पर तीन साल 2018, 2019 व 2020 में 56 दुर्घटनाओं में 77 लोगों की मौत होना दर्शाया गया है। पिछले व अब के आंकड़ों सहित तमाम परिस्थितियों की समीक्षा के बाद अधिकारियों का दावा है कि जिले में धीरे-धीरे ब्लैक स्पाॅट के साथ ही दुर्घटनाओं व उनसे होने वाली मृत्युदर में भी कमी आ रही है और आगे भी यह सुधार जारी रहेगा। अब से पहले की सूची में जिले में 15 ब्लैक स्पॉट थे। इनमें 2017 से 2019 तक में 87 दुर्घटनाओं में 97 लोगों की जान गई थी। नई व अपडेट सूची में इसमें से 6 ब्लैक स्पॉट कम हुए तो 2 नए जुड़े भी हैं। इस तरह से कुल मिलाकर 8 ब्लैक स्पाॅट का अंतर आया है। गौरतलब है कि ब्लैक स्पॉट का निर्धारण यातायात पुलिस करती है। इसके बाद वह इन स्थानों पर दुर्घटनाएं न हो इसकी रोकथाम व जरूरी सुधार के लिए संबंधित एजेंसियों को अवगत करवाती है। जैसे पीडब्ल्यूडी, एमपीआरडीसी, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, नगर निगम व अन्य निकाय तथा तकनीकी जिम्मेदारों को।
सुधार होने व दुर्घटनाओं में आई कमी के आधार पर ये सूची अपडेट की जाती रहती हैं। बहरहाल अधिकारी सुधार कार्यों से दुर्घटनाओं में कमी आने की बात कर रहे हैं। लेकिन कहीं ना कहीं कोरोना काल के लंबे समय तक बंद रहे परिवहन के कारण भी दुर्घटनाओं में कमी हुई है।
इन आधारों पर तय किए जाते हैं ब्लैक स्पॉट
1 ऐसे स्थान जहां बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हो। जिनमें घायल व मृतकों की संख्या अधिक हो।
2 ऐसे स्पॉट, रोड का हिस्सा व टर्न जिसे बनाने में कोई तकनीकी चूक हुई हो जिसकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हो।
3 अन्य कारण भी देखे जाते हैं। जैसे संबंधित मार्ग पर वाहनों का दबाव, स्पीड की स्थिति। या फिर वहां से ज्यादा शराबी तो नहीं गुजरते आदि।
समीक्षा के बाद सूची से बाहर होता हैं ब्लैक स्पॉट
- ब्लैक स्पॉट पर जरूरी सुधार के बाद मौके पर दुर्घटनाएं होना बंद या कम हुई या नहीं।
- सुधार के बाद मौके पर लंबे समय तक कोई जानलेवा हादसा नहीं हुआ।
- ब्लैक स्पाॅटों पर पिछले तीन साल की तुलना में अब दुर्घटनाओं में कितनी फीसदी कमी आई आदि।
6 कम हुए, 2 नए ब्लैक स्पॉट जुड़े- पुरानी सूची में नीलगंगा थाना क्षेत्र का हरिफाटक ब्रिज चौराहा, महाकाल थाना क्षेत्र का चंदूखेड़ी टोल टैक्स बड़नगर रोड, उन्हेल थाना क्षेत्र की नवादा चौपाटी जावरा रोड, नरवर थान क्षेत्र का मताना, राघवी थाना क्षेत्र का तराना फंटा व नागदा थाना क्षेत्र का डाबर-बिजली ग्रिड के बीच का हिस्सा भी शामिल था। अब ये सूची में नहीं हैं। जो दो नए ब्लैक स्पॉट सूची में जुड़े हैं उनमें राघवी थाना क्षेत्र की चौंसला चौपाटी व कायथा थाना क्षेत्र का एचपी पेट्रोल पंप वाला हिस्सा है।
सुधार कार्य होने से जिले में ब्लैक स्पॉट कम हुए हैं
सभी संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर किए गए सुधार कार्याें की बदौलत जिले में ब्लैक स्पॉट कम हुए हैं। इसके चलते दुर्घटनाओं में कमी आने से मौत के आंकड़े भी कम होने लगे हैं। उम्मीद है कि आगे भी सुधार जारी रहेगा और दुर्घटनाएं कम होंगी। – पवन कुमार, टीआई, यातायात