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मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए निगम जमा कराता सिक्योरिटी डिपॉजिट, खुद के पांच जोन कार्यालयों में ही नहीं
लोग मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाएं इसके लिए नगर निगम ने नियम बनाए। सिक्योरिटी डिपॉजिट भी जमा करवाया लेकिन निगम ने खुद इसका पालन नहीं किया। निगम के छह जोन कार्यालयों में से जोन क्र. 2 ऐसा एकमात्र जोन कार्यालय है जिसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया है। शेष में बारिश का पानी अब भी नालियों में बह रहा है।
जलशक्ति अभियान के तहत अब निगम को फिर से रेन वाटर हार्वेस्टिंग की याद आई है। निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने जजोन स्तर पर प्रभारियों, बिल्डिंग निरीक्षकों को दायित्व दिया है कि वे हर जोन में कम से कम 200 मकानों में इस साल रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूर लगवाएं। जिससेे बारिश के पानी को सहेजा जा सके। 140 वर्गमीटर से बड़े मकान में सिस्टम लगाना जरूरी हर साल अप्रैल के बाद शहर में जलसंकट शुरू हो जाता है। गंभीर डेम में पानी कम होते ही पीएचई की निर्भरता नर्मदा पर बढ़ जाती है। इसके अलावा टैंकरों से पानी सप्लाई करना पड़ता है। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि शहर में बारिश के पानी को सहेजने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने पर जोर दिया जाए। निगम के प्रयासों से अलग ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाए। उनके परिणाम भी सामने आने लगे हैं। इन घरों में कोई जलसंकट नहीं है। यहां के पानी की क्वालिटी में भी सुधार आया है।
इन लोगों ने लगवाए सिस्टम….पानी बचाने के साथ क्वालिटी भी सुधरी
बोरिंग का खारा पानी मीठा हो गया
मोतीलाल नेहरूनगर में रहने वाले राजीव पाहवा ने मकान के साथ बोरिंग भी करवाया। वे कहते हैं जो पानी निकला वह थोड़ा खारा था। कैसे पीये, धीरे-धीरे आदत हो गई। वर्ष 2005 में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया। सात साल में पानी मीठा हो गया। तब से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने में जुटे हैं। वे नि:शुल्क कंसल्टिंग करते हैं। 1050 घरों में सिस्टम लगवा चुके हैं। उन्होंने हाल ही में शहर की सबसे ऊंची इमारत शिवांश के एक ब्लॉक में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया है। उनके घर में लगे सिस्टम से अब तक एक करोड़ लीटर पानी की बचत हुई है।
बर्तनों पर सफेद परत जमती थी, अब नहीं
साशा जैन को हमेशा इस बात की शिकायत रहती थी कि घर के बर्तन साफ नहीं हो रहे हैं। कामवाली बाई से पूछा तो उसने कहा-कितना भी घिसो, बर्तनों पर सफेद परत बनी रहती है। साशा ने राजीव पाहवा की मदद से 2011 में घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया। चार साल में पानी की क्वालिटी बदल गई। अब बर्तन साफ करने पर सफेद परत नहीं जमती। उनका कहना है कि पानी की क्वालिटी सुधारने के लिए आरओ सिस्टम भी लगवाया था लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं रही। वे जल्द ही उसे बदलने का मन बना रही हैं।
निगम ने वर्षाजल संग्रहण के लिए किए यह उपाय
मकान मालिक का जिम्मा-खुद लगवाएं सिस्टम
भूमि विकास नियम में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए अहम प्रावधान किया है। इसके मुताबिक मकान बनाने के बाद वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की सूचना दी जाना चाहिए। नगरीय निकाय को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के पहले मौके पर निरीक्षण करना होगा। मकान मालिक ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं लगाया है तो नगरीय निकाय खुद इस सिस्टम को लगवाएगा। इसके लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि खर्च करने का अधिकार नगरीय निकाय को दिया है। पांच साल में 1070 नए मकान बने और 10023717 रुपए सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा किए।
लोग आगे आएं, निगम अफसरों को सौंपा जिम्मा
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया जोन स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। लोग खुद आगे बढ़कर सिस्टम लगवाएं। ऐसा करेंगे तो जलसंकट का समाधान हो जाएगा।