मजूदर के खाते में आए 30 लाख, मिला नोटिस

उज्जैन । उज्जैन के मजदूर दिव्यांग (मूक-बधिर) दंपती के साथ धोखाधड़ी का मामाला सामने आया है। दंपत्ति के रिश्तेदार ने ३० लाख रुपए ठिकाने लगाने के लिए उन्हें मोहरा बनाया। इसका खुलासा इंदौर के मूक-बधिर पुलिस सहायता केंद्र के जरिये सूचना के अधिकार में निकाले गए दस्तावेज में हुआ है। यहां से मामला संबंधित पुलिस थाने को रेफर किया गया, लेकिन न्याय के लिए पति-पत्नी चक्कर काट रहे हैं।
उज्जैन के भागसीपुरा में रहने वाला नरेन्द्र सिंघल और पत्नी भावना थैलियां सिलने का काम करते है इससे वे ५-६ हजार रुपए महीना कमाते हैं। अप्रैल २०१६ में दंपती के पास देवास इनकम टैक्स कार्यालय से नोटिस आना शुरू हो गए। सालभर में करीब छह नोटिस आ गए। परेशान होकर पति-पत्नि हाल ही में इंदौर के तुकोगंज स्थित मूक-बधिर पुलिस सहायता केंद्र पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत के आधार पर केंद्र ने इनकम टैक्स विभाग से सूचना के अधिकार में जानकारी मांगी। इसमें पता चला दंपती के रिश्तेदार ने वर्ष २००९ में नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक खातेगांव शाखा में दंपती के नाम से फर्जी बैंक खाता खोलकर उसमें ३० लाख रुपए जमा करवाए। रिश्तेदार इतने सालों तक खाते के जरिये लेनदेन करता रहा।

खातेगांव थाने को लिखा पत्र
निशक्त सहायता केंद्र के समन्वयक ज्ञानेन्द्र पुरोहित ने बताया कि दंपती के साथ घटी घटना जांच का विषय है। दस्तावेजों से ४२० का मामला स्पष्ट है। हमने संबंधित खातेगांव पुलिस थाने को मामले की जांच के लिए पत्र लिख दिया है। वहां से अभी जांच शुरू नहीं हुई तो फरियादी पति-पत्नि बार-बार यहां चक्कर काट रहे हैं। वहीं इस मामले में खातेगांव टीआई तहजीब काजी ने कहा कि हमारे पास अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है।

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