मप्र की टीम में संभाग का एकमात्र खिलाड़ी

शाजापुर के वैटलिफ्टिंग खिलाड़ी विजय प्रजापत ने पिछले दिनों पंजाब के पटियाला में हुई ओपन नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर नेशनल कैंप में जगह बनाई थी। कैंप में रहते हुए उसने आगामी एशियन कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप के ट्रायल में भी दूसरा स्थान हासिल कर अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है।

कॉमनवेल्थ के लिए एक और अंतिम ट्रायल होने के बाद एशियाई चैंपियनशिप में विजय का खेलना तय हो जाएगा। शहर के लिए यह बड़ी उपलब्धि है क्योंकि शाजापुर के वैटलिफ्टिंग खेल इतिहास में अब तक कोई खिलाड़ी नेशनल कैंप तक भी नहीं पहुंचा है।

विजय का ओपन नेशनल चैंपियनशिप में मेडल जीतकर अंतरराष्ट्रीय पटल पर जाने की मजबूत दावेदारी करना उसके संघर्ष की बड़ी जीत है क्योंकि विजय प्रजापति चार बहनों में सबसे छोटा भाई है और पिता विक्रम प्रजापति ट्रांसपोर्ट की पिकअप वाहन चलाने वाले ड्राइवर हैं।

कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण पिछले दो साल से विजय और उनका परिवार जीवन यापन करने के लिए संघर्ष कर रहा था, ऐसे में नेशनल पदक जीतकर कॉमनवेल्थ की दौड़ में शामिल होना उसके परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।

उत्कृष्ट विद्यालय के वैटलिफ्टिंग हॉल के प्रमुख कोच लीलाधर पाल जो साल 2016 से समय-समय पर विजय की हर तरह की मदद करते रहें हैं, वे भी इस दौर में उसकी कोई मदद नहीं कर पाए क्योंकि पिछले दो साल से पाल का भी स्वास्थ्य खराब है।

पैरालिसिस अटैक के बाद से वे भोपाल में उपचाररत हैं। जिंदगी के कड़वे अनुभवों से गुजरने के बाद भी विजय का जीत के लिए संघर्ष कम नहीं हुआ और वो हालात के दबाव में नहीं झुका क्योंकि वजन उठाना उसके लिए खेल है।

प्रमुख कोच बीमार… खिलाड़ियों की मदद के लिए हर समय रहते मौजूद

प्रमुख कोच पाल के स्वास्थ्य खराब होने के कारण वे लंबे समय से प्रैक्टिस कराने नहीं आ पा रहे हैं। इसलिए डेढ़ साल से स्कूल नेशनल की मेडलिस्ट रही कोच खुशी यादव ही विजय सहित अन्य खिलाड़ियों की प्रैक्टिस करा रही है। खुशी ने बताया विजय अंडर-17 एजवर्ग का खिलाड़ी हैं एवं पटियाला में अगस्त में हुई ओपन नेशनल चैंपियनशिप में उसने ब्रांज मेडल जीता है।

उसका नेशनल कैंप पटियाला में 1 माह के लिए चयन हुआ था लेकिन पिछले दिनों कैंप में एशियन कॉमनवेल्थ के लिए हुए ट्रायल में भी उसने क्वालिफाई कर लिया। अब वह मई 2022 तक नेशनल कैंप में रहेगा। इस दौरान एशियन कॉमनवेल्थ के लिए अंतिम ट्रायल होना है, इसमें क्वालिफाई करने पर विजय का कॉमनवेल्थ में खेलना तय होगा। विजय जिस पेशन के साथ वैटलिफ्टिंग करता है उम्मीद की जा रही है कि वह कॉमनवेल्थ के लिए क्वालिफाई कर लेगा।

पेट्रोल पंप पर काम के दौरान बोला- फिर से वापसी करूंगा दीदी…

खुशी ने बताया कोरोना की दूसरी लहर के दौरान विजय की प्रैक्टिस छूट गई थी, उसी दौरान एक बार जब वह अपनी स्कूटी से पेट्रोल पंप पहुंची तो विजय को पेट्रोल पंपकर्मी के रूप में काम करते हुए देखा। उससे बात करने पर पारिवारिक परिस्थितियां सामने आई। तब भी विजय ने कहा था कि हालात ठीक होने पर वह वैटलिफ्टिंग के मंच पर वापसी करेगा।

हालात पूरी तरह सामान्य तो नहीं हुए लेकिन विजय को जब अगस्त में ओपन नेशनल चैंपियनशिप की जानकारी मिली तो जून-जुलाई से उसने वापस प्रैक्टिस शुरू की और अगस्त में अपने खेल को साबित कर दिया। उज्जैन संभाग से एकमात्र विजय का नेशनल कैंप में चयन हुआ है और शाजापुर के इतिहास में पहली बार कोई खिलाड़ी नेशनल कैंप में पहुंचा है क्योंकि इसके पहले स्कूल नेशनल में तो खिलाड़ियों ने पदक जीते लेकिन ओपन नेशनल में शाजापुर के लिए विजय का पहला पदक है।

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