मवेशियों से भरी पिकअप पेड़ से टकराई दो युवकों और 4 केड़ों की मौत, 2 घायल

उज्जैन। तड़के बडऩगर रोड पर मवेशियों से भरी पिकअप नलवा से एक किलोमीटर आगे ड्रायवर को झपकी लगने के कारण बंबूल के पेड़ से टकरा गई। दुर्घटना में ड्रायवर, क्लिनर सहित 4 केड़ों की मृत्यु हो गई जबकि दो केड़े गंभीर रूप से घायल हो गये। सूचना मिलने पर तीन थानों के पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और शवों की शिनाख्ती के बाद पीएम हेतु अस्पताल पहुंचाया।
7 केड़ों से भरी पिकअप क्रमांक एमपी 70 जी 0343 बडऩगर रोड़ स्थित ग्राम नलवा से एक किलोमीटर आगे मोड़ से गुजर रही थी उसी दौरान ड्रायवर की लापरवाही से वाहन खेत की मेढ़ पर लगे बंबूल के पेड़ से टकरा गया। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि ड्रायवर व क्लिनर के शवों को जेसीबी की मदद से पिकअप का फ्रंट काटकर निकालना पड़ा।

दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद महाकाल थाने के एसआई निरंजन शर्मा, एसआई जीएस खाटकिया, एएसआई उधमसिंह सहित भैरवगढ़ व इंगोरिया थाने का पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। पिकअप में भरे 7 में से 4 केड़ों की भी मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो की स्थिति गंभीर बनी हुई थी। पुलिस ने बताया कि उक्त पिकअप वाहन में घोंसला से मवेशी भरकर बडऩगर तरफ ले जाये जा रहे थे। मृतकों की शिनाख्त अर्जुन पिता बाबूलाल 23 वर्ष निवासी घोंसला ड्रायवर और जगदीशनाथ पिता घीसूनाथ 30 वर्ष निवासी घोंसला के रूप में हुई है। अर्जुन के परिजनों ने बताया कि उसके दो बच्चे हैं जबकि जगदीश के 4 बच्चे हैं। दोनों रात को पिकअप में केड़े भरकर बडऩगर के लिये निकले थे।

घायल केड़े तडफ़ते रहे, डॉक्टर ने आने से किया इंकार
दुर्घटना में 4 केड़ों की तो मौके पर ही मृत्यु हो चुकी थी जबकि दो गंभीर घायल केड़ों को उपचार की आवश्यकता थी। इस कारण मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने पशु चिकित्सक डॉ. स्मृति को फोन लगाया तो उन्होंने छुट्टी पर होने की बात कही इसके बाद पुलिस ने डॉ. स्वाति श्रीवास्तव को फोन लगाया तो उन्होंने मौके पर आने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि घायल मवेशियों को अस्पताल ले आओ यहीं उपचार करेंगे जबकि पशु चिकित्सालय के डायरेक्टर डॉ. त्रिवेदी ने भी कोई सहयोग नहीं किया।

नगर निगम उपायुक्त ने कहा घटना स्थल हमारे क्षेत्र का नहीं
दुर्घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो चुकी थी। केड़ों की मौत से गुस्साये ग्रामीण पुलिसकर्मियों से विवाद करने लगे। ग्रामीणों को शंका थी कि उक्त केड़ों को काटने के लिये युवक पिकअप में भरकर ले जा रहे थे। किसी अनहोनी की आशंका के चलते पुलिसकर्मियों ने नगर निगम उपायुक्त योगेन्द्र पटेल को फोन पर सूचना दी व मृत मवेशियों को यहां से ले जाने की बात कही तो उपायुक्त ने कह दिया कि उक्त क्षेत्र नगर निगम सीमा में नहीं आता है इस कारण वाहन नहीं भेज सकते।

एसडीएम व कलेक्टर को लगाये फोन
तड़के 4 से 5 बजे के बीच हुई दुर्घटना के बाद भी पशु चिकित्सक और नगर निगम द्वारा पुलिस का सहयोग नहीं किये जाने व ग्रामीणों द्वारा विवाद करने की सूचना के बाद डीएसपी मौके पर पहुंचीं और उन्होंने एसडीएम बावरिया को फोन पर सूचना दी इसके अलावा डीएसपी ने कलेक्टर को भी फोन लगाया।

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