महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की जांच करने आई टीम:GSI और ASI की टीम ने शिवलिंग की ऊंचाई-गोलाई नापी

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिवलिंग परीक्षण के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और जिओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) के आठ सदस्यों की टीम बुधवार को उज्जैन पहुंची। टीम ने मंदिर पहुंचकर शिवलिंग की स्थिति का आकलन किया। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की गोलाई, ऊंचाई नापने के साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाई गई सामग्री और जल का सैंपल भी लिया।

टीम ने परिसर के ओंकारेश्वर और नागचंद्रेश्वर मंदिर की स्थिति का भी आकलन भी किया। दोनों विभागों की संयुक्त जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश की जाएगी। इससे पहले ASI और GSI का संयुक्त दल पिछले साल अक्टूबर में आया था।

ज्योतिर्लिंग के क्षरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ASI और GSI की टीम हर साल मंदिर की जांच कर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपती है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन ही देश-विदेश से श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। भगवान महाकाल की वर्षों पुरानी प्राचीन धरोहर की मजबूती और शिवलिंग क्षरण की स्थिति देखने के लिए ASI और GSI की 8 सदस्यीय टीम बुधवार को महाकाल मंदिर पहुंची।

टीम के सदस्यों ने महाकाल धर्मशाला में मंदिर सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, पूर्णिमा सिंघी, सहित आरके तिवारी से चर्चा की। इसके बाद टीम ने महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में पहुंचकर करीब आधे घंटे तक शिवलिंग की जांच की। टीम ने ज्योतिर्लिंग का बारीकी से निरीक्षण कर फोटो और वीडियोग्राफी भी की।

ज्योतिर्लिंग के छिद्रों से निकाला सैंपल

टीम ने ज्योतिर्लिंग के छिद्र में लगी दूध, दही और पूजन सामग्री निकालकर रिकार्ड के लिए सैंपल भी लिया। गर्भगृह के ऊपर स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर के काले पत्थरों की स्थिति को जांचा। सभी सदस्य ओंकारेश्वर मंदिर के ऊपर स्थित श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर का जायजा लेने भी पहुंचे।

दल में शामिल विशेषज्ञों ने मंदिर के पुराने स्ट्रक्चर का आकलन किया है। ASI के डायरेक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि हमारे साथ साइंस डायरेक्टर रामजी निगम, GSI के डायरेक्टर तपन पाल, वीपी गौर सहित अन्य लोग महाकाल मंदिर का स्ट्रक्चर देखने आए हैं।

कल भस्म आरती देखेंगे, सैंपल भी लेंगे

GSI के सदस्य आज उज्जैन में ही रुकेंगे। गुरुवार को सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान भी जांच करेंगे। इस दौरान महाकालेश्वर को चढ़ाई जाने वाली भस्म का सैंपल भी जांच के लिए साथ ले जाएंगे।

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