महाकाल को चढ़ रहे दूध में पानी ही पानी, क्रीम और पावडर न के बराबर

महाकालेश्वर के अभिषेक के लिए मंदिर के बाहर बेचे जा रहे दूध में न ताे क्रीम है न ही पावडर, अत्यधिक मात्रा है ताे वह केवल पानी की। बावजूद ये पानी मिला दूध यहां श्रद्धालुअाें काे 100 रुपए लीटर में बेचा जा रहा है यानी श्रद्धालुअाें के साथ खुली ठगी। साथ ही शिवलिंग की सुरक्षा की अनदेखी भी की जा रही है।

31 अगस्त काे खाद्य एवं अाैषधि प्रशासन विभाग ने महाकालेश्वर मंदिर के बाहर पूजन-सामग्री की अाठ दुकानाें से दूध के नमूने लिए थे। ये सभी दुकानें मंदिर प्रबंध समिति अाैर माधव सेवा न्यास की है, जो किराए पर दे रखी है। इन अाठाें दुकानाें के नमूने की रिपाेर्ट फेल यानी अमानक आई है। इन तमाम परिस्थितियों के बीच अब जिम्मेदारों को यह देखना होगा कि वे परंपराओं का पालन करवाते हुए किस तरह से शुद्ध पूजन सामग्री मंदिर के भीतर पहुंचे, इसकी व्यवस्था कैसे करवाएंगे। हालांकि इनके लिए मंदिर प्रबंध समिति दुग्ध संघ से समन्वय कर शुद्ध दूध की आर्पूति करवा सकती है।

महाकाल शिवलिंग को पानी मिला दूध ही चढ़ाया जा रहा है।

लाइसेंस से कारोबार की चेतावनी देंगे

फूड इंस्पेक्टर बीएस देवलिया ने बताया शुद्ध दूध में क्रीम 4.5 फीसदी अाैर एसएनएफ यानी पावडर की मात्रा 8.5 फीसदी हाेना चाहिए। रिपाेर्ट में क्रीम की मात्रा एक फीसदी से भी कम अाई है। पावडर मानक का आधा मिला। यानी दूध में क्रीम व पावडर न के बराबर है। पानी की मात्रा ज्यादा है। वे महाकाल मंदिर प्रबंध समिति काे पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत करवाएंगे ताकि समिति अपने स्तर पर सुधार करवा सके। उक्त सभी दुकानदाराें काे नाेटिस जारी करेंगे। इन्हें लाइसेंस लेकर काराेबार करने अाैर शुद्ध दूध बेचने की चेतावनी देंगे।

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