मेरे भाई को लौटा दो:माता-पिता के बाद भाई को भी खो चुकी बहन का दर्द

देवास के अमलतास में कोरोना से लड़ते हुए आखिरकार नागदा के अनिल साहनी जिंदगी की जंग हार गए। रविवार तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली। रविवार दोपहर जब उनकी पार्थिव देह नागदा पहुंची तो बहन और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था। जैसे ही अनिल की अर्थी उठी तो बहन और पत्नी के रुदन की आवाज सुनकर उपस्थित लोगों की आंखें भी भीग गईं। बहन कहती रही कि मेरे भाई को वापस लौटा दो, वही हमारी जिंदगी का एकमात्र सहारा था।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जिंदगी बचाने की गुहार लगाते हुए एक दिन पहले ही शनिवार को अनिल का वीडियो वायरल हुआ था।नागदा के मेहतवास क्षेत्र में अनिल साहनी रहते थे। उनके मौसेरे भाई रोहित साहनी ने बताया शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 3.59 बजे अनिल की मृत्यु हुई। सूचना मिलते ही परिजन देवास पहुंचे। वहां कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोपहर को चंद मिनटों के लिए उनकी पार्थिव देह को घर लाया गया।

अनिल की पत्नी कुसुम और बहन मंजू पार्थिव देह को देखते ही बिलख पड़ीं। परिजन उन्हें ढांढस बंधाते रहे लेकिन आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। दोपहर में ही उनका अंतिम संस्कार हुआ। शनिवार को ही अनिल का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगा रहे थे कि मुझे बचा लो। उन्होंने अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर भी सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया था।

बहन भी किडनी से पीड़ित, सप्ताह में दो बार होती डायलिसिस

अनिल ग्रेसिम उद्योग में कार्यरत थे। उनके पिता रामअवतार की एक दुर्घटना में कई वर्षों पहले मृत्यु हो चुकी थी। वहीं तीन साल पहले मां नौरी का भी निधन हो गया था। मौसेरे भाई रोहित ने बताया उनकी बहन मंजू की भी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं और सप्ताह में दो बार डायलिसिस करवाना पड़ती है। करीब एक साल पहले ही कुसुम के साथ अनिल का विवाह हुआ था। परिवार में अनिल ही एकमात्र सहारा थे।

90 प्रतिशत इंफेक्शन के बाद दी निगेटिव रिपोर्ट आई

देवास के अमततास अस्पताल की अव्यवस्थाओं का जिक्र भी अनिल ने एक दिन पहले वायरल वीडियो में किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि यहां कोई देखरेख करने वाला तक नहीं है। मुख्यमंत्री से उन्होंने गुहार लगाते हुए कहा था कि मेरी जिंदगी बचा लो। परिजनों के मुताबिक अनिल को जो रेमडेसिविर इंजेक्शन लगना था, वहां भी उनकी जगह अस्पताल में किसी और का नाम डाल दिया गया। वहीं निधन के बाद अनिल की रिपोर्ट में भी कोरोना निगेटिव लिखा गया। जबकि अनिल को 90 प्रतिशत इंफेक्शन था। परिजनों ने कहा कि अब राज्य सरकार से मदद दी जाना चाहिए।

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