- महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए बड़ा कदम, हटाए गए 257 मकान; महाकाल लोक के लिए सवा दो हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग, चन्दन, रजत चंद्र और आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- महाकालेश्वर मंदिर में अब भक्तों को मिलेंगे HD दर्शन, SBI ने दान में दी 2 LED स्क्रीन
- उज्जैन में कला और संस्कृति को मिलेगा नया मंच, 1989.51 लाख रुपये में बनेगा प्रदेश का पहला 1000 सीट वाला ऑडिटोरियम!
- भस्म आरती: रजत के आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
लंबे ब्रेक के बाद बरसे बादल…फसलों के लिए अमृत, चेहरों पर छाई खुशी
उज्जैन। आखिर लंबे ब्रेक के बाद शुक्रवार को श्रावण मास की पहली अच्छी बारिश हुई। मौसम सुहावना हो गया और शहर तरबतर हो गया। करीब एक इंच वर्षा दर्ज की गई। इससे बारिश का आंकड़ा बढ़कर 23 इंच पार हो गया है। हालांकि शहर की प्यास बुझाने वाले गंभीर डेम के लेवल पर अभी कोई असर नहीं पड़ा। बारिश होने से शहर के लोगों की खुशियां भी बढ़ गई। पिछले साल के मुकाबले इस बार अच्छी बारिश होने से लोगों ने राहत की सांस ली।
शुक्रवार सुबह से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्ता ने बताया शाम तक 28 मिमी बारिश हुई। इस तरह अब तक की कुल बारिश का आंकड़ा बढ़कर 23.5 इंच पर पहुंच गया है। वेधशाला में अब तक 586 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
बीते साल ये थे स्थिति
डॉ. गुप्त ने बताया पिछले साल 10 अगस्त तक 15.6 इंच बारिश ही हो सकी थी। पिछले साल की तुलना में इस बार करीब 8 इंच ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि अब तक अपेक्षित बारिश नहीं हो सकी है। शुक्रवार को कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश के कारण धरती में पानी गहराई तक पहुंचेगा। बारिश होने से शहर के लोगों ने भी राहत की सांस ली। हालांकि बारिश के कारण कच्ची सड़कों पर पानी भरने से परेशानी का सामना भी लोगों को करना पड़ रहा है। कई जगह निचले इलाकों में पानी भर जाने की समस्या भी आई। इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।
इस बार भी शिप्रा में बाढ़ नहीं
आम लोगों के लिए इस बार पानी की पूर्ति तो हो रही है, लेकिन शिप्रा नदी में बाढ़ आने की उम्मीद संजोए लोगों को काफी निराशा हाथ लगी है। बारिश के मौसम में शिप्रा बड़े पुल को भी क्रॉस कर देती है। पिछले साल भी बड़े पुल से ऊपर पानी नहीं पहुंच सका। इस बार भी बड़े पुल को छोड़ छोटा पुल भी शिप्रा में डूब नहीं सका है। पिछले दो साल से यह स्थिति बनी है, जो चिंता का कारण बन रही है।
कच्ची सड़कों पर बढ़ी परेशानी
शहर की कई सड़कों पर पानी भर जाने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इंजीनियरिंग कॉलेज से क्रिस्त ज्योति स्कूल होते हुए त्रिवेणी विहार कॉलोनी को जोड़ने वाला रोड खराब होने के कारण लोगों को आने-जाने में दिक्कत उठानी पड़ी। शहर के कई इलाकों में इस तरह के हालात हैं। लोहे का पुल क्षेत्र की सड़कों पर पानी भरा गया। इससे भी लोगों को परेशानी हुई। हालांकि इस रोड की समस्या को खुद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान देख चुके हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन रोड पर पानी भर जाने की समस्या को अब तक दूर नहीं कर पाया है।
गंभीर के लेवल में कोई अंतर नहीं
शहर की प्यास बुझाने वाले गंभीर डेम के लेवल पर इस बारिश का कोई असर नहीं पड़ा। पीएचई के ईई धर्मेंद्रकुमार वर्मा ने बताया डेम का लेवल यथावत बना हुआ है। इंदौर में तेज बारिश होने से डेम का लेवल बढ़ने की उम्मीद है।