लोगों के घर और सरकार का टारगेट उलझ गया:519 अटके; 284 ने शादी

जिले में 519 पीएम आवास उलझे हुए नजर आ रहे हैं। इसलिए कि इनमें से 284 हितग्राहियों ने तो आवास की राशि शादी-ब्याह, बीमारी, घर चलाने सहित अन्य कामों में खर्च कर दी हैं। इनकी इस हरकत से जिले को मिला पीएम आवास निर्माण का लक्ष्य 100 फीसदी तक नहीं पहुंच पा रहा हैं। ये हालात तब हैं जबकि बारिश सिर पर हैं। ऐसे में जिला पंचायत के अधिकारी पूरे प्रयास कर रहे हैं कि संबंधितों से जैसे-तैसे आवास पूर्ण करवाए जाए ताकि न तो उन्हें परेशानी झेलना पड़े अौर न ही जिला पंचायत योजना के क्रियान्वयन में कम आंका जाए।

आंकड़े बताते हैं 2016-17 से 2019-20 तक जिला पंचायत को अंचलों में 21215 पीएम आवास बनवाने का लक्ष्य मिला था। अमले ने 20696 आवास पूर्ण करवा दिए हैं। यानी लक्ष्य के मुकाबले 97.55 फीसदी। शेष अधूरे व उलझे 519 आवासों को पूरा करवाना अधिकारियों की मुश्किलें खड़ी कर रहा है। इनमें से अधिकांश आवास हितग्राहियों की लापरवाही व गलती की वजह से ही अधूरे हैं।

देखें किन-किन वजह से उलझे व अधूरे पड़े ये आवास

पलायन के कारण- हितग्राहियों के अन्यत्र पलायन कर जाने से अंचलों में 33 पीएम आवास अधूरे पड़े हैं। हितग्राही कब आएंगे? या नहीं आएंगे? स्पष्ट नहीं।
भूमि विवाद- 6 आवास इसलिए अधूरे हैं क्योंकि ये जिस जगह निर्माण किए जा रहे थे वह जमीन विवादित सामने आई हैं।
राशि का दुरुपयोग- 284 आवास इसलिए अधूरे हैं क्योंकि इनमें से किसी ने शादी-ब्याह में तो किसी ने बीमारी व घर चलाने आदि कामों में राशि खर्च कर दी।
हितग्राही की मृत्यु- 17 आवास हितग्राही की मृत्यु के कारण अधूरे हैं। ये हितग्राही भी ऐसे थे कि जिनका कोई वारिश नहीं है।
अपात्र होने के कारण निरस्त किए गए– योजना की पात्रता नहीं रखने पर 69 पीएम आवास अधिकारियों द्वारा निरस्त भी गए हैं।
वास्तविक रूप से पूर्ण कराए जा सकने वाले आवास: विभिन्न कारणों से अधूरे 110 ऐसे आवास हैं जिन्हें लेकर अधिकारी मानकर चल रहे हैं कि इन्हें पूरा करवा लिया जाएगा।

बीते दो साल में जिले को कोई नया लक्ष्य नहीं: इधर जिले में अंचलों के लिए वर्ष 2020-21 व 2021-22 में पीएम आवास का कोई नया लक्ष्य नहीं मिला है। उक्त योजना के तहत अंचलों के हितग्राही को आवास बनाने के लिए विभिन्न किस्ताें में 1 लाख 20 हजार रुपए जारी किए जाते हैं।

सर्वाधिक 107 पीएम आवास महिदपुर जनपद के अधूरे
अंचलों में इस तरह के उलझे व अधूरे आवासों का आंकड़ा पूर्व में 693 था लेकिन जिला पंचायत सीईओ अंकित अस्थाना ने इनमें से कई को अपने प्रयासों से पूरा करवाया। प्रयास अभी भी जारी हैं कि जितने ज्यादा व संभव हाे सके वे आवास पूरे करवाए जाए। इसके लिए उन हितग्राहियों से कहा जा रहा है जिन्होंने की पीएम आवास की राशि अन्य कामों में खर्च कर दी। बताया जाता है कि सर्वाधिक 107 पीएम आवास महिदपुर जनपद पंचायत में अधूरे हैं।
97.55 फीसदी आवास के निर्माण पूर्ण करवा दिए

  • जिले में दो साल से पीएम आवास का लक्ष्य नहीं मिला है। 97.55 फीसदी आवास के निर्माण पूर्ण करवा दिए गए हैं। जबकि 519 आवास अधूरे हैं। 284 तो इसलिए अधूरे हैं क्योंकि हितग्राही ने अन्य कामों में राशि खर्च कर दी। प्रयास किए जा रहे हैं इनमें से जितने हो सके आवास पूरे करवा दिए जाए। -अंकित अस्थाना, सीईओ, जिपं

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