विज्ञान दिवस: सीवी रमन जैसे महान वैज्ञानिक की खोज आज ज्यादा प्रासंगिक…

Ujjain News: विज्ञान को आत्मसात करने के लिए गहरी सोच जरूरी – प्रो. व्यास

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर नए युग में विज्ञान पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इस मौके पर शुभारंभ समारोह के प्रमुख अतिथि रेलवे टेक्नोलॉजी मिशन के चेयरमैन और आईआईटी कानपुर के प्रो. नलिनाक्ष व्यास ने कहा कि देश में सीवी रमन जैसे महान वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता हुए। उनकी खोजें आज ज्यादा प्रासंगिक हो गई हैं। विज्ञान को आत्मसात करने के लिए गहरी सोच आवश्यक है। गणित, भौतिक और रसायन विज्ञान को गहराई से जाने बिना विज्ञान के क्षेत्र में नया किया जाना संभव नहीं। आज दीर्घोपयोगी विज्ञान का विकास जरूरी है। महंगे संसाधनों से ही वैज्ञानिक शोध हो, यह जरूरी नहीं। उद्योगों का विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं के साथ गहरा रिश्ता होना चाहिए।

 

होली में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग हो

वरिष्ठ समाजसेवी पद्मश्री डॉ. जनक पलटा मैकगिलिगन ने व्याख्यान सह प्रस्तुति में कहा विज्ञान के दीर्घोपयोगी विकास के लिए व्यापक प्रयास जरूरी हैं। होली में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग हो, इसके लिए उनके निर्माण की तकनीक का विकास होना चाहिए। कृषक जैविक खेती के लिए प्रयास करें। देशी बीज के संरक्षण और विकास के लिए शैक्षिक संस्थानों में कार्य किया जा सकता है। अध्यक्षता प्रभारी कुलपति प्रो. पीके वर्मा ने की।

 

प्रो. सुधा मल्ल का सम्मान किया

इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पर्यावरणविद प्रो. सुधा मल्ल का सम्मान किया गया। अतिथि स्वागत संगोष्ठी की मुख्य समन्वयक प्रो. उमा शर्मा, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. शुभा जैन, डॉ. स्वाति दुबे, डॉ. निश्छल यादव आदि ने किया। तकनीकी सत्रों में डॉ. धंजय कैनेडा, प्रो. नलिनाक्ष व्यास कानपुर, प्रो. सतीश अवस्थी नई दिल्ली ने व्याख्यान दिए। समापन सत्र प्रो. देवेंद्रमोहन कुमावत की अध्यक्षता में हुआ। मुख्य अतिथि प्रो. धंजय एवं संकायाध्यक्ष प्रो. शुभा जैन थीं। प्रतिवेदन का वाचन डॉ. स्वाति दुबे ने किया। संचालन डॉ. रूबल वर्मा ने किया। आभार डॉ. स्वाति दुबे एवं डॉ. निश्छल यादव ने माना।

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