व्यवस्था में खामी : सावन और रविवार की छुट्टी होने से महाकाल मंदिर में बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या

गर्भगृह में वीआईपी और रसीद वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक, आम श्रद्धालुओं ने नहीं हो सके दर्शन

उज्जैन:सावन माह में भगवान शंकर की पूजन अर्चन का विशेष महत्व है। इसी को लेकर हजारों की संख्या में प्रतिदिन महाकालेश्वर मंदिर में भगवान के दर्शनों को श्रद्धालु उमड़ रहे हैं।यहां मंदिर प्रशासन द्वारा सामान्य दर्शनार्थी, दिव्यांग, वृद्ध, गर्भवती महिलाएं, प्रोटोकॉल, नियमित दर्शनार्थी के अलावा 251 शीघ्र दर्शन और 1700 रुपये में गर्भगृह दर्शन की अलग-अलग व्यवस्थाएं की गई हैं। रविवार छुट्टी का दिन होने के कारण सुबह से मंदिर में भीड़ रही। जिसका असर यह हुआ कि 1700 रुपये, पुजारियों के यजमान, प्रोटोकॉल से गर्भगृह में दर्शन करने वालों की संख्या इतनी बढ़ गई कि सामान्य कतार में लगकर रेलिंग से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को भगवान दिखना ही बंद हो गये।

यह है मंदिर की वर्तमान व्यवस्था


सामान्य दर्शनार्थियों को झिकझेक से प्रवेश देकर टनल और फेसिलिटी सेंटर के रास्ते मंदिर में कार्तिकेय मंडप से रेलिंग से दर्शन कराये जा रहे हैं। कावड़ यात्री, नियमित दर्शनार्थी, प्रोटोकॉल, वीआईपी सहित 251 शीघ्र दर्शन पास वालों को भस्मार्ती गेट से प्रवेश देकर गेट नं. 6 पर सामान्य दर्शनार्थियों की कतार से कार्तिकेय मंडप से होकर रेलिंग से दर्शन कराये जा रहे हैं, जबकि पुजारियों के परिजन, यजमान, 1700 रुपये की रसीद वाले लोगों को चांदी गेट से प्रवेश कराने के बाद गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा है।

रेलिंग में शोर मचाने लगे श्रद्धालु


सुबह चांदीगेट से प्रवेश करने वाले श्रालुओं की संख्या अधिक हो गई। यहां खड़े कर्मचारियों द्वारा उन्हें लगातार गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा था और यह लोग शिवलिंग के आसपास खड़े हो गये। बाहर निकलने और प्रवेश करने के दौरान गर्भगृह के गेट पर इतने लोग एकत्रित हो गये कि रेलिंग से दर्शन करने वाले सामान्य व 251 रसीद वाले श्रद्धालुओं की आंखों से भगवान ओझल हो गये और उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया।

महाराष्टट्र से आए रिटायर नायब तहसीलदार की हार्ट अटैक से मौत

दोस्तों के साथ महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनों को पहुंचे रिटायर नायब तहसीलदार की मंदिर परिसर में हार्टअटैक से मौत हो गई। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया और परिजनों को सौंप दिया। सुरेश पिता मधुकर राव जोशी 63 वर्ष निवासी इंगलजाने जालना महाराष्ट्र रिटायर नायब तहसीलदार थे और अपने 6 दोस्तों के साथ इनोवा कार से महाकाल दर्शन करने उज्जैन आये थे।

शनिवार रात 10.40 बजे सुरेश राव अपने दोस्तों के साथ मंदिर परिसर से होते हुए दर्शनों को जा रहे थे उसी दौरान तबियत बिगड़ी और वह अचेत होकर गिर पड़े। उनके साथ आये लोग तुरंत सुरेश राव को जिला चिकित्सालय ले गये जहां डॉक्टर ने परीक्षण के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। सुरेश राव के साथियों ने बताया कि हृदयाघातक से उनकी मृत्यु हुई जबकि वह होटल में हंसी मजाक करते हुए मंदिर तक पहुंचे थे और पहले से उनकी तबियत भी खराब नहीं थी। सुरेश राव के परिजन सुबह जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां महाकाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर उनके सुपुर्द किया।

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