शिक्षक वॉट्सअप, फेसबुक का उपयोग करेंगे तो होगी कार्यवाही

उज्जैन । आधुनिक दौर में प्राय: सभी शिक्षकों के पास एंड्राइड मोबाइल हैं। शिक्षक अपना अधिकांश समय मोबाइल से जुड़कर वॉट्सअप व फेसबुक में घुसे रहते हंै जिससे छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं।अनेक शिक्षक वर्तमान में ऑनलाइन रहते हैं तो पढ़ाई कब करवाएंगे। ऐसे में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा हैं तथा परीक्षा परिणाम भी बिगड़ रहा हैं। इन सब से निपटने के लिए शिक्षा विभाग ने एक विशेष मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर तैयार करवाया है जिससे स्कूल समय में ऑनलाईन रहने वाले मोबाइल नंबर वाले शिक्षकों की जांच की जाएगी।

शिक्षकों को प्रताडि़त किया तो करेंगे विरोध : स्कूलों में शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी के साथ पढ़ाना चाहिए न कि ऑनलाइन रहकर मोबाइल पर वाट्सएप से जुड़े रहना चाहिए। विशेष मॉनीटरिंग साफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। यदि शिक्षकों को बेवजह प्रताडि़त किया तो संघ इसका विरोध करेगा।

-मोहम्मद हनीफ
जिलाध्यक्ष राज्य अध्यापक संघ

इंक्रीमेंट रूकेगा, होगी कार्यवाही : विशेष मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर बनाया गया है। यदि शिक्षक वॉट्सअप पर पढ़ाई के समय ऑनलाइन नजर आता है तो इनके इंक्रीमेंट तो रौके ही जाएंगे वहीं कार्यवाही भी की जाएगी।

-संजय गोयल
जिला शिक्षा अधिकारी

ई-अटेंडेंस योजना खटाई में
शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने एंड्राइड मोबाइल खरीदने के लिए बाध्य किया था ताकि मोबाइल के जरिए अपनी अटेंडेंस लगा सके और शिक्षा विभाग को यह भी पता चल सके कि कौनसा शिक्षक कब स्कूल में आया है और कब स्कूल से जा रहा है। विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं मिलने से ई-अटेंडेंस योजना भी वर्तमान में खटाई में पड़ी हुई है।

शिक्षकों के ग्रुपों पर भी नजर
कई शिक्षकों ने वॉट्सअप पर अपने ग्रुप बना रखे हैं। इन ग्रुपों में शिक्षक एक दूसरे को संदेश भेजते रहते हैं। अब शिक्षा विभाग शिक्षकों के ग्रुपों पर भी नजर रखने जा रहा है। जिससे ग्रुप बनाने वाले एडमिन पर कार्यवाही की सकती है।

सर्वे में चला पता : कुछ दिन पूर्व शिक्षा विभाग ने सर्वे करवाया था। इस सर्वे में चौकाने वाला तथ्य यह सामने आया कि कई शिक्षक स्कूल समय में ऑनलाइन रहते हैं और छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं।

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