शैव महोत्सव के लिए करोड़ाें का बजट, कौन करेगा खर्च, स्पष्ट नहीं

उज्जैन | जनवरी 2018 के प्रथम सप्ताह में होने वाले शैव महोत्सव के रूप में 12 ज्योतिर्लिंग सम्मेलन का करोड़ों रुपए बजट बताया जा रहा है लेकिन इसमें खर्च सरकार करेगी या मंदिर प्रबंध समिति यह अभी स्पष्ट नहीं है। सम्मेलन के संचालन हेतु एक केंद्रीय समिति और 17 उप समितियां बनाने के लिए भी गहरा मंथन चल रहा है। इसे लेकर बुधवार को मप्र सरकार के ऊर्जा मंत्री पारस जैन से लेकर सिंहस्थ केंद्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह, विश्व हिंदू परिषद के अंतर राष्ट्रीय महामंत्री दिनेश कुमार ने प्रशासन के अफसरों के साथ महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की धर्मशाला के कमरे में लंबी बैठक की।

दोपहर 1 बजे शुरू हुई बैठक 3 बजे तक चली। पहले माखनसिंह व विहिप के दिनेश कुमार के साथ संभागायुक्त एमबी ओझा, कलेक्टर संकेत भोंडवे ने समिति के अधिकारियों व समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, विभाष उपाध्याय और जगदीश शुक्ला ने बैठक कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। आयोजन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, संस्कृति संचालनालय भोपाल और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के संयुक्त तत्वावधान में होना है। इसलिए पूरे आयोजन की रूपरेखा वृहद पैमाने पर तैयार की जा रही है। आयोजन के लिए 5 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है। लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि इसमें सरकार भी राशि खर्च कर सकती है।

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मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य उपाध्याय ने बताया बैठक में तय किया गया कि सम्मेलन में देशभर से उमड़ने वाले विद्वानों से 12 ज्योतिर्लिंग का महात्म, शैव दर्शन पर विचार, वेदों के अनुरूप पूजा पद्धति में एकात्मता की स्थापना पर विचार, पौराणिक संदर्भों में आधुनिक प्रबंधन पद्धति, सामाजिक कार्य एवं सामाजिक समरसता जैसे विषय तथा भारतीय चिकित्सा पद्धति पर चिंतन, धार्मिक पर्यटन आदि से संबंधित विषयों पर उद्बोधन कराए जाएंगे। सामाजिक समरसता आदि विषयों पर संगोष्ठी की जाएगी।

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