श्रावण कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर मावे से हुआ बाबा महाकाल का शृंगार, सर्पों की पहनी माला

सार

श्रावण कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर आज शुक्रवार को सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। त्रयोदशी पर बाबा महाकाल का मावे से शृंगार किया गया और उन्हें सर्प से सजाया गया।

विस्तार

उज्जैन। वैसे तो विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन ही बाबा महाकाल का विभिन्न स्वरूपों मे शृंगार किया जाता है, लेकिन शुक्रवार को भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का मावे से शृंगार किया गया और उन्हें आभूषण भी पहनाए गए। आरती में चारों ओर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि श्रावण कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर आज शुक्रवार को सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान का शुद्ध जल से स्नान, पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। आज के शृंगार की विशेषता यह रही कि त्रयोदशी पर आज बाबा महाकाल का मावे से शृंगार किया गया और उन्हें सर्प से सजाया गया। शृंगार के दौरान उनके मस्तक पर चन्द्रमा के तीसरी आंख भी लगाई गई शृंगार के अंत मे बाबा महाकाल के मस्तक पर नवीन मुकुट और पुष्पहार पहनाया गया। उसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की ग। इसके बाद पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गया।

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