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श्रावण माह कल से:सामान्य दर्शनार्थी का शंखद्वार से प्रवेश, शीघ्र दर्शन अनुमति वाले टनल से कार्तिक मंडपम् पहंुचेंगे
श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में दर्शन, पार्किंग के साथ अन्य व्यवस्थाएं तय, अफसरों का 40 मिनट में दर्शन करवाने का दावा
श्रावण माह 14 जुलाई से शुरू हो जाएगा। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। तीन बार अफसरों के निरीक्षण के बाद आखिर दर्शन, पार्किंग के साथ अन्य व्यवस्थाएं तय की गई। श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल के भक्तों, कावड़ यात्रियों, भक्ति भजनों, भजन मंडलियों से पूरा शहर भक्तिमय हो जाता है।
इसी शृंखला में श्रद्धालुओं के सुलभ दर्शन, स्वच्छता, सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर प्रबंध समिति की तैयारियां अंतिम रूप में चल रही हैं। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर आशीष सिंह और मंदिर प्रशासक गणेशकुमार धाकड़ ने बताया कि श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई परेशानी न हो, इसके लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की जा रही है।
अफसरों ने 40 मिनट में दर्शन कराने का दावा किया है। सहायक प्रशासनिक अधिकारी मूलचंद जूनवाल ने बताया कि बारिश से बचाने के लिए हरसिद्धि से लेकर शंखद्वार तक टीनशेड बनाने का काम 70 फीसदी पूरा हाे गया है।
जानिए श्रेणीवार दर्शन मार्ग
सामान्य दर्शनार्थी: चारधाम से हरसिद्धि मंदिर के चौड़े मार्ग पर बने मुख्य प्रवेश मार्ग से शंखद्वार में प्रवेश कर, चिकित्सा कक्ष के समीप से जिक-जेक होकर कार्तिकेय मंडपम् पहुंचकर दर्शन लाभ लेंगे। शीघ्र दर्शन अनुमति धारक : चारधाम के समीप हरसिद्धि मार्ग पर अलग बने मार्ग से बड़ा गणेश के सामने से शंखद्वार से पृथक मार्ग से टनल वन होते हुए सीधे कार्तिक मंडपम् पहुंचकर भगवान के दर्शन करेंगे। पुजारीगण, पुरोहित व पत्रकार : मंदिर के पुजारी, पुरोहित व पत्रकार वर्तमान गेट नंबर 4 और गेट नंबर 5 से प्रवेश कर विश्राम धाम, सभा मंडप, काला गेट होकर इसी रास्ते से दर्शन कर वापस आ सकेंगे। कावड़-यात्री : चारधाम के निकट सामान्य दर्शनार्थी के साथ प्रवेश कर कार्तिक मंडपम् स्थित जल पात्र में जल अर्पण कर गणेश मंडपम् से बाबा के दर्शन करेंगे। पुजारी, पुरोहित के यजमान, जल अर्पण रसीद धारी : प्रशासनिक भवन के सामने के विशिष्ट अतिथि मार्ग व गेट नंबर 4 से प्रवेश कर सभा मंडप के जलपात्र से जलार्पण कर काला गेट से नंदी हॉल होकर दर्शन कर इसी मार्ग से लौटेंगे। नियमित दर्शनार्थी: सुबह 6 से 8 और शाम को 6 से 8 बजे, पूर्व निर्धारित समय अनुसार बड़े गणेश के पास की गली से गेट नंबर 4 से प्रवेश करेंगे व इसी रास्ते से वापस जाएंगे। चलित भस्मआरती : चारधाम मुख्य प्रवेश मार्ग से प्रवेश करते हुए शंखद्वार से आएंगे, जहां से एक पंक्ति में चलते हुए फैसिलिटी सेंटर से टनल होकर कार्तिकेय मंडपम् पहुंचेंगे। वहां से बिना रुके दर्शन कर सीधे निर्गम द्वार से बाहर जाएंगे।
भस्मआरती काउंटर
सुबह 7 बजे से हरसिद्धि के पास स्थित अतिथि निवास से कार्यरत होगा। जहां स्वयं उपस्थित होकर आईडी प्रस्तुत कर, फोटो खिंचवाकर, निःशुल्क अनुमति बनाई जाएगी।
गर्भगृह में प्रवेश बंद
गर्भगृह और नंदी हॉल को श्रावण-भादौ में पूर्णतः प्रतिबंधित रखा जाएगा। नंदी हाॅल में एक बैरिकेड्स लगाकर अतिविशिष्ट व जलाभिषेक रसीद धारियों को दर्शन कराए जाएंगे।
पांच जगह पार्किंग, यहां से नि:शुल्क ई-रिक्शा
1. कार्तिक मेला 2. कर्कराज मंदिर 3. पुल के समीप हाट बाजार
4. भील समाज धर्मशाला के पास 5. त्रिवेणी संग्रहालय के समीप
पार्किंग स्थल से निःशुल्क ई-रिक्शा वाहन सभी के लिए उपलब्ध होगी। जहां से गंगोत्री गार्डन, मुख्य प्रवेश द्वार, चारधाम तक पहुंच सकेंगे।
चारधाम मार्ग पर यह सुविधाएं भी मिलेंगी
काउंटर रहेंगे, जूता स्टैंड, शीघ्र दर्शन, खोया-पाया, आकस्मिक चिकित्सा व प्रसाद काउंटर बनाएंगे।
कंट्रोल रूम बनाया
किसी भी जानकारी के लिए मंदिर के कंट्रोल रूम नं. 0734-2550563 और 0734-2551295 पद संपर्क करें।