सकट चौथ का व्रत कब है, जानें पूजा विधि

पंचांग के अनुसार 31 जनवरी को सकट चतुर्थी का पर्व है. सकट चौथ का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है. इस पर्व को सकट चौथ, तिलकुटा चौथ, संकटा चौथ, माघी चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी के नामों से भी जाना जाता है.

31 जनवरी का दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस दिन सकट चौथ का पर्व है. इस पर्व पर भगवान गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन व्रत रखने का भी विधान है. मान्यता है कि सकट चौथ पूर भगवान गणेश जी की पूजा करने और व्रत रखने से संतान को लंबी आयु प्राप्त होती है. वहीं संतान पर आने वाली वाधाएं भी दूर होती हैं. ऐसी मान्यता है यह व्रत संतान के लिए बहुत ही शुभ होता है. यह व्रत संतान को हर प्रकार की बाधाओं से दूर रखने वाला माना गया है. संतान की शिक्षा, सेहत और करियर में आने वाली परेशानियों को भी दूर करता है.

गणपति महाराज को भूल से भी न चढ़ाएं तुलसी

इस दिन गणपति महाराज को तुलसी का पत्ता भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान नाराज हो जाते हैं। व्रती को पूजा करते समय गणेश भगवान को खुश करने के लिए दुर्वा चढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को स्वास्थ लाभ होता है। साथ ही मान-प्रतिष्ठा और धन संपत्ति में वृद्धि होती है।

सकट चौथ पर गणेश जी को करें प्रसन्न

गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए सकट चौथ का पर्व शुभ माना जाता है. गणेश जी बुद्धि के दाता है. इसके साथ ही ग्रहों की अशुभता को दूर करते हैं. बुध ग्रह की अशुभता को दूर करने के लिए यह पर्व उत्तम माना गया है. इसके साथ के केतु के बुरे प्रभाव को भी कम करने में यह पूजा सहायक मानी गई है.

इस विधि से करें गणपति महाराज की पूजा

इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति को सूर्योदय से पहले स्नान करके उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इस व्रत में तिल का बहुत बड़ा महत्व होता है इसलिए जल में तिल मिलाकर भगवान को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है।

गुड और तिल से बनी चीजों का सेवन करें

सकट चतुर्थी पर तिल और गुड से बनी चीजों का खाने की विशेष परंपरा है. इसीलिए इसे कहीं कहीं तिलकुटा चौथ भी कहते हैं. हिंद भाषी राज्यों में सकट चतुर्थी का पर्व बड़े ही श्रद्धाभाव से मनाया जाता है. जनवरी माह का यह अंतिम धार्मिक पर्व है.

तिल का करें दान

सूर्यास्त के बाद चंद्रमा को तिल, गुड़ का अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन तिल से बनी चीजों का सेवन करने से व्यक्ति के पाप कट जाते हैं। इस दिन तिल का दान करने से भी लाभ होता है।

पंचांग के अनुसार सकट चौथ का मुहूर्त
सकट चौथ का पर्व पंचांग के अनुसार 31 जनवरी 2021 को पड़ रहा है. इस दिन चन्द्रोदय का समय रात्रि 08 बजकर 27 मिनट है. चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 31 जनवरी 2021 को रात्रि 08 बजकर 24 मिनट से होगा. इस तिथि का समापन 1 फरवरी 2021 को शाम 06 बजकर 24 मिनट पर होगा.

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