सब्जियां हुई सस्ती:थोक मंडी की अवधि तीन घंटे करने से सब्जियों के दाम गिरे

सब्जियों की स्थानीय आवक बढ़ गई है। पहले इंदौर के साथ भोपाल तक यहां से सब्जियां भेजी जाती थी लेकिन अब यह शहर की दो थोक मंडियों के साथ इंदौर तक सिमट कर रह गई है। संभाग की सबसे बड़ी मंडी चिमनगंज और मक्सी रोड के जाल सेवा मैदान में थोक मंडियों की अवधि भी तीन घंटे कर दी है।
किसानों का कहना है कि इस अवधि में जो भाव मिले, उसमें सब्जियां देकर जाना होता है। सुबह 5 बजे से शुरू हुई मंडियों को सुबह 8 बजे बंद कराने का सिलसिला शुरू हो जाता है। यही कारण है कि एक सप्ताह में सब्जियों की आवक तो बढ़ी है लेकिन भाव में गिरावट दर्ज की गई है।
सब्जी व्यापारी उमेश चौहान का कहना है कि लॉकडाउन के बाद भी सब्जी उत्पादकों को इतने कम दाम कभी नहीं मिले। पहले औसतन 3 से 4 आयशर सब्जियां किसान लेकर आते थे। इसका आंकड़ा अब 2 आयशर तक सिमट गया है। साथ ही भाव भी कम हुए हैं।
इन गांवों से किसान लाते हैं सब्जियां, सीधे पहुंच रही मंडी
शहर की थोक मंडियों में इंदौर, देवास, बड़नगर, आगर और मक्सी रोड से सब्जी उत्पादक किसान सब्जियां लेकर आते हैं। व्यापारियों का कहना है दताना मताना, नरवर, रामवासा, निनोरा, नलवा, बलेड़ी, भैरवगढ़, पानबिहार, कालूहेड़ा, नजरपुर, मालीखेड़ी से सब्जी शहर में लाई जाती हैं।
लॉकडाउन के पहले शहर की छोटी मंडियों में भी यहीं से सप्लाय होती थी। इसके अलावा होटल, रेस्टोरेंट में भी किसान सीधे सप्लाय करते थे। इससे सब्जियों की खपत भी अच्छी होती थी और किसानों को दाम भी अच्छे मिलते थे। लॉकडाउन के कारण होटल, रेस्टोरेंट पूरी तरह से बंद हैं। इससे वहां भेजी जाने वाली सब्जियां भी सीधे थोक मंडियों में पहुंचाई जा रही हैं।