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सरकारी जमीन पर कब्जा कैसे रखें, सिखा रहे थे, कलेक्टर को सौंपा ऑडियो
भारी पड़ी साजिश… संभागायुक्त ने तहसीलदार को किया सस्पेंड
सरकारी जमीन को मुक्त करवाने की जगह उस पर कब्जा बरकरार रखने की साजिश करना तहसीलदार अनिरूद्ध मिश्रा को भारी पड़ गया।
प्रकरण में 11 फरवरी को कलेक्टर शशांक मिश्र को ऑडियो सौंप दिया है। जानकारी मिलने पर गुरुवार को संभागायुक्त अजीत कुमार ने तहसीलदार को जांच होने तक सस्पेंड कर दिया।
हरिफाटक रोड स्थित सरकारी जमीन पर कब्जे का प्रकरण तहसील न्यायालय में चल रहा था। मामला सुर्खियों में आने पर तहसीलदार मिश्र को कार्यवाही करना पड़ी। उन्होंने मामले में स्थगन तो दे दिया, लेकिन अतिक्रमणकर्ताओं का बचाव कर रहे कांग्रेस के नेता को मोबाइल पर कब्जा बचाने का रास्ता भी बता दिया।
कहा कि उनके आदेश के खिलाफ एसडीएम से तुरंत स्टे आर्डर ले। तहसीलदार मिश्र व कांग्रेस नेता का आडियो सामने आने पर अक्षर विश्व ने इसे कलेक्टर मिश्र को सौंप दिया। उनसे जानकारी मिलने पर संभागायुक्त ने तहसीलदार को सस्पेंड कर आगामी आदेश तक के लिए कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया। प्रशासन अब जल्द ही नए तहसीलदार को पदस्थ करेगा, जिससे की कार्य प्रभावित न हो सके।
इनका कहना
जमीन पर कब्जे को लेकर सामने आए ऑडियो को देखते हुए तहसीलदार को जांच होने तक सस्पेंड कर दिया है।
– शशांक मिश्र, कलेक्टर
एक नजर में घटना
हरिफाटक रोड़ स्थित सरकारी जमीन पर करीब दो साल से कब्जे का प्रयास चल रहा था। पूर्व में लाखों रुपए अर्थदंड और अतिक्रमण हटाने के बाद भी यहां कॉलोनी काट दी गई। मामले में २२ जनवरी को हल्का पटवारी विश्वेश्वर शर्मा ने तहसीलदार को रिपोर्ट सौंप दी।
उन्होंने ३० जनवरी को कब्जेदारों को नोटिस भी जारी कर दिया, लेकिन फिर बचाव के तरीके बता दिए। मामला सुर्खियों में आने पर उन्हें नीलगंगा थाने और निगमायुक्त को भी कार्यवाहीं के लिए पत्र लिखना पड़ा।