- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
सरकार का पलटवार: उज्जैन में भी भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा
शौचालय कांड में जांच तेज, बयान हुए
नगर निगम के एक अधिकारी के खिलाफ तीन साल पहले की गई शिकायत में गुरुवार को ईओडब्ल्यू ने आवेदक के बयान लिए है। मामला सिंहस्थ के दौरान पंचक्रोशी यात्रा मार्ग पर बनाए अस्थायी शौचालय में करोड़ों रुपए के घोटाले का है। यकायक शुरू तेज हुई जांच को इनकम टैक्स की मुख्यमंत्री के करीबियों पर हुई कार्यवाही का असर माना जा रहा है।
जिपं उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने 11 मई 2016 को नगर निगम के तात्कालीन सहायक यंत्री पीयूष भार्गव (वर्तमान में देवास निगम में पदस्थ) के खिलाफ लोकायुक्त से लेकर सरकार तक को शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि भार्गव ने सिंहस्थ 2016 में हजारों अस्थायी शौचालय, चेंजिग रूम बनाने में करोड़ों रुपए की धांधली की है।
मामला ईओडब्ल्यू पेडिंग था लेकिन हाल ही में सीएम के करीबियों पर इनकम टैक्स के छापे के बाद इस सत्ता से जुड़े लोगों ने इस प्रकरण की जांच भी तेज करवा दी। इसी के चलते गुरुवार को पोरवाल ईओडब्ल्यू पहुंचे और निरीक्षक पीके व्यास के समक्ष भार्गव के खिलाफ बयान दर्ज करवा दिए।
100 करोड़ का घोटाला
पोरवाल ने आरोप लगाया था कि अस्थायी शौचालय व चेजिंग रूम तय संख्या से काफी कम बने हुए हैं। उन्होंने मापदंड अनुसार नहीं बनाकर १०० करोड़ से ज्यादा का गबन करने की संभावना व्यक्त की थी। यह भी आरोप लगाया था कि भार्गव के पूरे कार्यकाल की जांच होने पर ३०० करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है।
सीईओ ने बोला था दंड दिया जाए
मामले में तात्कालीन जिपं सीईओ रूचिका चौहान ने जांच कर अस्थायी निर्माण में लापरवाही व भारी अनियमितता पाई थी। उन्होंने 29 अप्रैल 2016 को तात्कालीन कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपकर भार्गव के साथ ही पीएचई के एक ओर सहायक यंत्री पर भी कठोर दंडात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की थी। हालांकि प्रशासन ने दबाव के चलते कोई कार्यवाही नहीं की थी।
ऐसे की थी धांधली
सिंहस्थ की पंचक्रोशी यात्रा से 15 दिन पहले प्रत्येक पड़ाव पर 400 शौचालय,10 पुरुष व 50 महिला चेजिंग रूम बनवाने की जिम्मेदारी भार्गव को सौंपी थी। भार्गव ने जहां शौचालय बनवाए वहां भी सिर्फ आड़ की और गड्ढों को ही चद्दरे व मिट्टी से ढंककर सेप्टिक टेंक दर्शा दिया था। पर्याप्त लाइट का भी इंतजाम नहीं किया था।
खास बात
- जिपं उपाध्यक्ष ने की थी मई 2016 में शिकायत
- सिंहस्थ के अस्थायी शौचालय में गबन का आरोप
- पूर्व जिपं साईओ ने दिया था कार्यवाई का प्रस्ताव
- बढ़ सकती है देवास के सहायक यंत्री की मुसीबत
मैने प्रमाण सहित शिकायत की थी, आज बयान भी दे दिए हंै। उम्मीद है जल्द ही दोषियों पर कार्यवाई होगी। भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य अधिकारियों पर भी जल्द ही शिकंजा कसेगा।
भरत पोरवाल, उपाध्यक्ष जिपं