सर्वार्थसिद्घि योग में शुरू होगा पांच दिवसीय दीपपर्व

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-त्योहारों पर खास संयोगः प्राचीन मंदिरों में दर्शन के लिए उमड़ेंगे भक्त

उज्जैन। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक पांच दिवसीय दीपपर्व मनाया जाएगा। इस बार धनत्रयोदशी पर सर्वार्थसिद्घि योग के साथ पर्व की शुरुआत होगी। खास संयोग आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य, धन, समृद्घि, मांगलिक कार्य में सिद्धि तथा सौभाग्य में वृद्धि करने वाला है। पांच दिवसीय दीपपर्व में राधा दामोदर के पूजन के साथ सायंकाल में यम, इंद्र व लक्ष्मी के निमित्त तिल के तेल का दीपक लगाने की परंपरा है। अपने घर की छत पर पश्चिम दिशा में अष्ट दल बनाकर दक्षिण मुख होकर यम के निमित्त तिल के तेल का दीपक लगाने से अज्ञात भय की निवृत्ति होती है।

 

धनतेरस : भगवान धन्वंतरी व कुबेर का पूजन होगा

पांच दिवसीय दीप पर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर को सर्वार्थसिद्घि योग में धनतेर के साथ होगी। इस दिन भगवान धन्वंतरी व धन के अधिष्ठात्र देव कुबेर का पूजन होगा। यम के निमित्त दीप दान की शुरुआत भी इस दिन से मानी गई है।

सांदीपनि आश्रम में भगवान कुबेर की प्राचीन मूर्ति है। धनतेरस पर भगवान का विशेष श्रृंगार व पूजन होगा। भक्त कुबेर देवता के दर्शन के लिए उमड़ेंगे।

रूपचौदस व दीपावली : 23 साल बाद एक दिन दो पर्वों का संयोग
27 अक्टूबर को रवि चित्रा नक्षत्र में रूप चौदस व दीपावली मनाई जाएगी। 23 साल बाद एक दिन में दो पर्वों का संयोग बन रहा है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में रूप चौदस रहेगी। शाम को प्रदोषकाल में महालक्ष्मी का पूजन किया जाएगा।
नईपेठ में प्राचीन गजलक्ष्मी मंदिर है। माता गजलक्ष्मी सम्राट विक्रमादित्य की राज लक्ष्मी मानी जाती है। इस दिन देवी को लाल कमल के फूल अर्पित करने का विधान है।

अन्नकूट व गोवर्धन पूजा : गोवर्धन पूजा होगी भगवान को अन्नकूट लगेगा

28 अक्टूबर को दीपावली के अगले दिन अन्नकूट व गोवर्धन पूजा होगी। घरों में मुख्य द्वार के समाने आंगन में गोबर से गोवर्धन बनाए जाएंगे। पूजा अर्चना के बाद अन्नकूट का भोग लगेगा।

भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा होगी। मंदिर की गोशाला में गायों का पूजन किया जाएगा। शहर के अन्य कृष्ण मंदिरों में भी अन्नकूट लगाया जाएगा।

 

भाईदूज : भाइयों को मंगल तिलक लगाएगी बहनें

29 अक्टूबर को भाई दूज मनाई जाएगी। इस दिन भाई बहनों के घर जाकर भोजन ग्रहण करेंगे। भाइयों की दीर्घायु के लिए बहनें मंगल तिलक लगाकर आरती करेंगी। इस दिन धर्मराज के दर्शन व पूजन से आयु आरोग्य की प्राप्ति होती है।

रामघाट पर पिशाच मोचन तीर्थ के सामने भगवान धर्मराज व चित्रगुप्त का प्राचीन मंदिर हैं। शहर के अन्य चित्रगुप्त मंदिरों में भी इस दिन कायस्थ समाज द्वारा पूजा अर्चना की जाएगी।

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