- भस्म आरती: श्री महाकालेश्वर भगवान का भांग, चंदन और सिंदूर से किया गया दिव्य श्रृंगार!
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- भस्म आरती: भगवान महाकाल का पंचामृत कर सालासर बालाजी स्वरूप में किया गया दिव्य श्रृंगार!
सोमवार भस्म आरती दर्शन:महाकाल के मस्तक पर चंद्र धारण कर राजा स्वरूप में श्रृंगार
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार तड़के 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। भगवान महाकाल का जल से अभिषेक कर दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन के बाद रजत के आभूषणों और भांग, चंदन, सूखे मेवे से दिव्य श्रृंगार किया गया।
भगवान महाकाल के मस्तक पर चंद्र, रजत के आभूषण, सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला अर्पित की गई। सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण भगवान ने राजा स्वरूप में दर्शन दिए।
नवीन वस्त्र अर्पित कर फल और मिष्ठान का भोग लगाया भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है।