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हस्तशिल्प में लाखों का कारोबार, कार्तिक मेले की अवधि बढ़ाने का इंतजार
हस्तशिल्प मेले में उमड़ी भीड़… पुराने शहर के कार्तिक मेले में जहां सन्नाटा है,वहीं हस्तशिल्प मेले में गहमागहमी है। 12 दिसंबर तक चलने वाले हस्तशिल्प मेले में 6 दिसंबर तक 40 लाख रु. से अधिक का कारोबार हो चुका है। मेले के प्रभारी अजय भालसे के अनुसार जिला पंचायत की टीम मेले में अभी तक हुए व्यवसाय का आकंलन कर रही है। हस्तशिल्प मेले में ग्राहकों की अच्छी भीड़ है। लोगों ने खान पान के साथ यहां खरीदारी का लुत्फ रहे है।
आज से शुरु होगा कार्यक्रमों का दौर:
मंगलवार शाम को गीतों, मालवी, भवई एवं मयूर नृत्य प्रस्तुती।
8 दिसंबर को स्थानीय कवि सम्मेलन।
9 दिसंबर को गीत संगीत आर्केस्ट्रा।
10 को रंगारंग आर्केस्ट्रा और डांस।
12 को सांस्कृतिक नृत्य।
13 को बॉलीवुड सदाबहार गीत।
14 को सदाबहार गीतों की प्रस्तुति।
15 को गीत-संगीत आर्केस्ट्रा।
16 को सदाबहार गीतों, नृत्य की प्रस्तुति।
17 को सदाबहार गीतों की प्रस्तुति। ठ्ठ18 को बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता।
19 दिसंबर को अभा मुशायरा होगा।
व्यापारी बोले- अवधि बढऩी चाहिए
वैसे तो कार्तिक मेले का शुभारंभ तो 17 नवंबर को हो गया है,लेकिन दुकान -स्थान आवंटन और सांस्कृतिक कार्यक्रम में देरी होने के साथ ही शिप्रा नदी किनारे कार्तिक पूर्णिमा से लगने वाला पारंपरिक कार्तिक मेला रविवार से करीब 17 दिन की देरी से मेला प्रारंभ हुआ है। व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम को इस बार मेले की अवधि बढ़ानी चाहिए। मेले में खान-पान, जरूरत के सामान, श्रृंगार की 700 से अधिक दुकानें और 21 झूले लगे हैं। हालांकि फिलहाल ग्राहकी कम ही है। व्यापारियों ने कारण, झूले और दुकानें लगाने के लिए जगह का आवंटन देरी से होना और दो दिन शहर का मौसम खराब रहना बताया। कहा कि निगम प्रशासन को मेले की अवधि बढ़ाना चाहिए। पूर्व घोषित कार्यक्रम अनुसार मेला 17 दिसंबर तक ही लगाया जाना है। अवधि बढ़ाने के लिए अभी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।
कार्तिक मेले में बच्चों के झूले लगाने वाले व्यापारी भैरुसिंह का कहना है कि मैं नवंबर माह से ही मेले में आया हूं लेकिन इस बार मेला अभी तक पूरा नहीं भर पाया है, यदि मेले की समय अवधि नहीं बढ़ाई गई तो हमारा भारी नुकसान होगा।
मेले मेें जूस की दुकान लगाने वाले व्यापारी प्रदीप पटवा ने कहा कि मैंने चार दुकानें लगाई है प्रति दुकान का किराया 3500 रुपए है। लेकिन मेला पुरी तरह से नहीं भरने के कारण अभी तक व्यापार नहीं हुआ। इसलिए अब मेले की समय अवधि बढ़ाने का निर्णय होना चाहिए।