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हालैंड के श्रृद्धालुओं को भस्मारती के नाम पर इस तरह ठगा था
महाकाल थाने के गिर$फ्त में आए दो आरोपी, दोनों को न्यायालय में पेश किया जहां से भैरवगढ़ जेल भेज दिया, एक आरोपी अभी भी फरार
उज्जैन। महाकाल मंदिर में भस्मारती के नाम पर हालैंड के श्रृद्धालुओं से १० हजार रुपए लेने वाले आरोपी सुमित ने आश्वस्त किया था कि आराम से भस्मारती हो जाएगी और बाबा को जल भी चढ़ा पाएंगे। यहां पर दूसरे आरोपी मनोज ने उनके नाम से अनुमति तो ले ली लेकिन श्रृद्धालुओं को बाबा का जल नहीं चढ़वा पाया। जब श्रृद्धालुओं ने इसी का विरोध किया तो भस्मारती के नाम पर चल रहा रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। खास बात यह कि इंदौर की होटल में काम करने वाला आरोपी भी उज्जैन को लक्कडग़ंज का रहने वाला है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। यहां से उन्हें भैरवगढ़ जेल पहुंचा दिया।
महाकाल पुलिस ने हालैंड के छह श्रृद्धालुओं को भस्मारती कराने के नाम पर १३ हजार रुपए ठगने वाले सुमित उर्फ चंद्रकांत सेन पिता अरुण प्रकाश सेन निवासी लक्कड़ गंज व मनोज जोशी पिता अशोक जोशी निवासी गणगौर दरवाजा तथा हिमांशु व्यास निवाीस हरसिद्धी मंदिर के पीछ के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। घटना के चार दिन बाद पुलिस ने सुमित सेन और मनोज जोशी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं हिमांशु व्यास फरार है। महाकाल टीआई प्रकाश वास्कले ने बताया कि सुमित उज्जैन का होकर इंदौर की मल्हार होटल में कर्मचारी है। होटल में आने वाले श्रृद्धालुओं को भस्मारती कराने का झांसा देता था और इनसे रूपए वसूलता था। बाद में वह मनोज जोशी को भस्मारती की जानकारी देता। मनोज महाकाल मंदिर में स्वर्गीय गोपाल व्यास के नाम पर भस्मारती की अनुमति कराता था। इन श्रृद्धालुओं को हिमांशु व्यास मंदिर में पूजा करवाता था। बाद मेें तीनों रुपए आपस में बांट लेते थे। लंबे समय से यह खेल चल रहा था। हालैंड के श्रृद्धालुओं को सुमित ने बगैर परेशानी के भस्मारती कराने और बाबा के स्पर्श व जल चढ़ाने का आश्वासन भी दिया था लेकिन उज्जैन में उन्हें यह सुविधा नहीं मिली उल्टे मनोज ने भीड़ का हवाला देकर ५००-५०० रुपए प्रति व्यक्ति और वसूल लिए थे। इसी से नाराज श्रदलुओं ने मंदिर प्रशासन से शिकायत की थी।
सेंटिग से पेश हुए, पुलिस बोली-महाकाल मंदिर के बाहर घुमते हुए पकड़ा
महाकाल पुलिस के गिरफ्त में आए सुमित और मनोज जोशी को पुलिस बता रही है कि यह महाकाल मंदिर के बारह घुमते समय इन्हें पकड़ा। सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस इनकी तीन-चार दिन से तलाश कर रही थी। इंदौर होटल जाकर पुलिस सुमित को ढूंढ आई और घर पर भी दबिश दी थी। इन्हें फरार होना बताया जा रहा था। ऐसे में दोनों फरार आरोपी महाकाल मंदिर क्षेत्र में क्यों घुमेंगे। सूत्रों की माने तो आरोपियों को सेटिंग के तहत थाने में पेश हुए है। वहीं पुलिस इनकी रिमांड नहीं लेते हुए सीधे भैरवगढ़ जेल भी पहुंचा दिया।