होली पर गुलाल के बाद अब बाबा महाकाल खेलेंगे टेसू के रंग से होली

Ujjain News: रंगपंचमी पर बरसेगा टेसू के फूलों का रंग, शाम को निकलेगी महाकाल की गेर

उज्जैन. राजाधिराज भगवान महाकाल के आंगन में होली उत्सव पर गुलाल से होली खेली गई, इसके बाद अब रंगपंचमी पर टेसू के फूलों से तैयार किए गए रंगों से होली खेली जाएगी। 14 मार्च को रंगपंचमी पर सुबह-शाम बाबा भक्तों के साथ होली खेलेंगे। रंगपंचमी पर बाबा महाकाल को टेसू के फूलों से तैयार किए गए रंग से होली खिलाई जाएगी और शाम को मंदिर से 51 ध्वज और आकर्षक झांकियों के साथ रंगारंग गेर निकाली जाएगी।

 

बाबा महाकाल के मंदिर में पांच दिन होली

महाकाल के भक्तों पर होली का सुरूर पांच दिन तक रहता है। प्रतिदिन भांग और दूध से अभिषेक करने वाले पुजारी-पुरोहित भी बाबा के साथ शुद्ध गुलाल और रंग से शृंगार करने की तैयारी में हैं।

 

रंगपंचमी पर 3 क्विंटल फूलों से तैयार होगा रंग

पुजारी दिलीप गुरु ने बताया वर्षों से बाबा महाकाल को रंग पंचमी के दिन टेसू के फूलों से तैयार किए गए रंग से ही होली खिलाई जाती है। इस बार भी 3 क्विंटल फूलों को लाकर प्रांगण में ही बड़े कढ़ावों में उबालकर रंग तैयार किया जाएगा। इसी रंग से पंचमी पर बाबा के भक्त सराबोर नजर आएंगे।

 

रंगपंचमी पर निकलेंगी झिलमिल झांकियां

रंगपंचमी पर प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी महाकाल की गैर उल्लास के साथ निकाली जाएगी। समिति सदस्य व पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि 14 मार्च को रंगपंचमी वाले दिन झिलमिलाती झांकियां और बाहर से बुलाए जा रहे बैंड पूरे शहर में भक्ति और आनंद के साथ रंगारंग गैर निकालेंगे। जिसमें बाबा महाकाल के ध्वज भी शामिल रहेंगे।

 

महाकाल मंदिर में उड़ा भक्ति का रंग

महाकाल मंदिर में होली पर्व पर भक्ति का रंग उड़ा। प्रसिद्ध फाग गायक हरिकिशन साबू (भोंपूजी महाराज) द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई। पुजारी प्रशांत गुरु ने बताया पुजारी एवं पुरोहित परिवार द्वारा यह आयोजन पिछले पांच साल से किया जा रहा है। मंदिर प्रांगण में फूलों की वर्षा के साथ भक्ति का रस भी जमकर बरसा।

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