ज़मानत मिलते ही उद्योग विभाग का रिश्वतखोर प्रबंधक ‘डे’ इंदौर भागा

उज्जैन | उद्योग विभाग में प्रबंधक के पद पर अलग-अलग कार्यकालों में तीन मर्तबा रहकर भारी रिश्वतखोरी करने वाले अरुण कुमार डे का भांडा लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद फूट गया है। हालांकि हाथोंहाथ इस रिश्वतखोर प्रबंधक को जमानत दिए जाने से प्रधानमंत्री मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत मिशन को झटका भी लगा है। जमानत पर छुटते ही भ्रष्ट ‘डे’ इंदौर भाग गया।

अपने अब तक के सेवाकाल में प्रबंधक अरुण कुमार डे १४ वर्ष उज्जैन में रहा है तथा उद्योगपुरी में ऐसा कोई बड़ा उद्योग नहीं जहां इसकी पाती या मुनाफा न जुड़ा हो। अब तक कई कार्रवाई में अपने चतुर चालाक रवैये से बचते रहे। भ्रष्टाचारी प्रबंधक डे की रिश्वतखोरी की वेदनगर निवासी ललित खत्री ने मय प्रमाण के शिकायत की तो लोकायुक्त ने तय राशि १५ हजार रु. पर पावडर लगाकर पीडि़त ललित खत्री को दिए। रिश्वत लेते ही प्रबंधक को धरदबोचा।

जमानत के बाद लगातार दबाव
जमानत मिलने के बाद लगातार अपने परिचित उद्योगपतियों के माध्यम से फरियादी पीडि़त ललीत खत्री पर रिश्वतखोर प्रबंधक दबाव बना रहा है कि मामले को ढ़ीला छोड़ दे।

उद्योगपुरी में दादागिरी
प्रबंधक अरूण कुमार डे की दादागिरी का आलम यह है कि हर किसी को धमकाता है कि उद्योग बंद करा देगा। हर तीज त्यौहार पर महाप्रबंधक के नाम पर भी वसूली करता था।

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