11 साल रुद्रसागर में पानी, सिंहस्थ में खाली कर पंडाल के लिए देंगे

महाकाल मंदिर के पीछे स्थित पौराणिक रुद्रसागर के दोनों हिस्सों को सिंहस्थ 2028 के लिए नए तरीके से विकसित करेंगे। 11 साल यह झील की तरह पर्यटकों को लुभाएगा और सिंहस्थ में इसे खाली कर शंकराचार्यों को पंडाल लगाने के लिए दे सकेंगे। इसके लिए हाइड्रोलिक सर्वे शुरू हो गया है। इस सर्वे से पता करेंगे कि इसे कितना गहरा कर सकते हैं। इसके आसपास की जमीन कैसी है। इसमें भरे रहने वाले पानी और शिप्रा के पानी की क्वालिटी क्या है। इसके बाद प्रोजेक्ट तैयार होगा।

यह काम भोपाल की वेबकास कंपनी कर रही है जो सीवरेज प्लान में भी कंसलटेंट है। रुद्रसागर के दोनों हिस्सों का विकास स्मार्ट सिटी कंपनी कर रही है। महाकाल-रुद्रसागर विकास योजना के पहले चरण में बड़े रुद्रसागर यानी मंदिर के पीछे वाले का विकास होना है। रुद्रसागर को लेकर स्मार्ट सिटी का कांसेप्ट प्लान है कि इसे सिंहस्थ और आम दिनों, दोनों तरह से विकसित किया जाए। सिंहस्थ के दौरान इसमें शंकराचार्य और अन्य संस्थाओं के पंडाल लगते हैं। वे यहां से अन्य जगह पर पंडाल लगाने के लिए राजी नहीं है। ऐसी स्थिति में रुद्रसागर को दो तरह से विकसित करना होगा। सिंहस्थ में इसका पानी खाली कर इसे साधु-संतों के डेरे के लिए दिया जा सके। कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि योजनाओं को सिंहस्थ को ध्यान में रख कर ही बनाया जा रहा है ताकि इनका फायदा लंबे अर्से तक मिले।

 

शिप्रा से भरेगा रुद्रसागर, फिल्टर प्लांट भी लगेगा

रुद्रसागर में साफ पानी रहे इसके लिए शिप्रा से पाइप लाइन डाल कर इसमें साफ पानी डाला जाएगा। यह पाइप लाइन दो तरफा होगी। यानी शिप्रा से इसमें पानी डालने व इसका पानी नदी में छोड़ने की व्यवस्था की जाएगी। बारिश में इसका पानी शिप्रा में चला जाएगा तथा गरमी में जब इसका पानी कम होगा तो शिप्रा से इसमें पानी डाला जाएगा। इसमें पानी साफ होता रहे, इसके लिए फिल्टर प्लांट भी लगाएंगे। मंगलवार को हुई स्मार्ट सिटी की बैठक में फिल्टर प्लांट लगाने की मंजूरी हो गई है।

 

सामाजिक न्याय परिसर में नेच्युरोपैथी, योग, मेडिटेशन

स्मार्ट सिटी कंपनी ने सामाजिक न्याय परिसर में नेच्युरोपैथी, योग, मेडिटेशन सेंटर का प्रोजेक्ट बनाया है। बोर्ड में चर्चा के दौरान पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से बनाने का सुझाव दिया गया। इसमें कंसलटेंट जोन, थैरेपी एरिया, जिम, योग व ध्यान क्षेत्र, बहुउपयोगी सभागृह, बायो-डाइवर्सिटी पार्क, प्राकृतिक बैठक क्षेत्र, एम्फी थिएटर, फूड कोर्ट, लेक्चर रूम, लेबोरेटरी, कांफ्रेंस रूम प्रस्तावित है।

 

माधवगंज स्कूल परिसर में बनेगा उर्दू स्कूल का भवन

बोर्ड बैठक में यह निर्णय भी लिया कि महाकाल मंदिर के आसपास के 2 व 1 मदारगेट क्षेत्र का उर्दू स्कूल माधवगंज स्कूल परिसर में शिफ्ट किए जाएंगे। इसके लिए नया भवन बनेगा। इससे सभी स्कूल एक ही कैंपस में आ जाएंगे। देवासगेट बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन को मिला कर मल्टी मॉडल ट्रांजिट हब बनाने के संशोधित प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूरी दे दी।

 

भोपाल की कंपनी 50 लाख में करेगी सर्वे, तीन महीने लगेंगे

बड़े रुद्रसागर का क्षेत्रफल 38 एकड़ और छोटे का 4.5 एकड़ है। इनका हाइड्रोलॉजी सर्वे करने के लिए भोपाल की वेबकास कंपनी को स्मार्ट सिटी ने 50 लाख रुपए में ठेका दिया है। विशेषज्ञों ने रुद्रसागर का अवलोकन से सर्वे की शुरुआत कर दी है। यह काम 3 महीने में पूरा होगा। स्मार्ट सिटी बोर्ड ने मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिए इंसीनरेटर लगाने के साथ कचरे से बिजली बनाने वाले मिथेनाइजेशन प्लांट के विस्तार की भी मंजूरी दी है।

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