13.5 करोड़ गबन की आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक फूट-फूटकर रोई:उज्जैन कोर्ट ने रिमांड 8 अप्रैल तक बढ़ाई; आरोपी अकाउंटेंट बोला-मुझे 10% कमीशन मिलता

उज्जैन में भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में कर्मचारियों के डीपीएफ खातों से 13.50 करोड़ रुपए के गबन की मुख्य आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक और अकाउंटेंट रिपुदमन की रिमांड 8 अप्रैल तक बढ़ा दी है। वहीं बाकी 3 आरोपियों को 31 मार्च तक रिमांड पर सौंपा है। पेशी के दौरान आरोपी उषा राज पूरे समय फूट-फूटकर रोती रही। सोमवार दोपहर को जेल मुख्यालय से उसका निलंबन आदेश भी जारी कर दिया गया। ​​​​​​

भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में 68 कर्मचारियों के डीपीएफ (विभागीय कर्मचारी भविष्य निधि) खाते से निकाले 13.50 करोड़ में पूर्व जेल अधीक्षक उषाराज, अकाउंटेंट रिपुदमन समेत 5 आरोपी बनाए हैं। पुलिस ने इसमें उषाराज, रिपुदमन, सटोरिया रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे व हरीश गेहलोत को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को पहले 27 मार्च तक कोर्ट ने रिमांड पर सौंपा था। सोमवार को पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के लिए कोर्ट से दोबारा रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया।

सोमवार को पांचों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 31 मार्च तक रिमांड मिल गई।
सोमवार को पांचों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 31 मार्च तक रिमांड मिल गई।

सभी आरोपियों से होगी पूछताछ
रिमांड मिलने के बाद पुलिस सभी आरोपियों को भैरवगढ़ थाने लेकर पहुंची। यहां सभी से पूछताछ की जाएगी। कोर्ट से लेकर थाने तक पूर्व जेल अधीक्षक उषाराज फूट-फूट कर रोती रही। गाड़ी से उतरते समय भी उषाराज की आंखों से आंसू छलक रहे थे।

पूर्व जेल अधीक्षक बोली- मुझे फंसाया जा रहा
इस दौरान आरोपी उषाराज ने कहा कि मेरे साथ हुए अत्याचार को खुलकर कहूंगी। मुझे और मेरी बेटी को फंसाया जा रहा है। ये अन्याय है। नियम विरुद्ध मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। ट्रेजरी ऑफिसर को छोड़ दिया, उसे कुछ नहीं कर रहे हैं। पीआर बढ़ा दिया। मुझे 15 दिन तक थाने में रख रहे, ऐसा नहीं होता। मुझे विशवास नहीं कि मैं थाने में भी बच पाऊंगी या नहीं। मुझसे यहां जबरदस्ती दबाव बनाकर दस्तखत करवाते हैं।

कोर्ट से भैरवगढ़ थाने लाते समय पूर्व जेल अधीक्षक फूट-फूटकर रोई।

मैडम सटोरियों के खाते में डलवाती थी राशि: आरोपी रिपुदमन
वहीं, घोटाले के मुख्य आरोपी रिपुदमन ने पुलिस को बताया कि इस गबन की मास्टरमाइंड पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज हैं। उसके आदेश पर ही राशि निकाली गई। मुझे तो सिर्फ 10 % हिस्सा ही मिला। मैडम अपने विश्वसनीय के जरिए सटोरियों के खाते में राशि डलवाती थी। उन्हें 10 % कमीशन देकर नकद राशि लेती थी।

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