- भस्मआरती में बाबा महाकाल का मावे से किया श्रृंगार, मखाने की माला पहनाई, खोली गई तीसरी आंख
- चंद्र और बिलपत्र लगाकर भस्म आरती में सजे बाबा महाकाल, जटाधारी स्वरूप में किया श्रृंगार
- भोपाल सांसद ने बैरसिया में स्टेशन बनाने की सदन में उठाई मांग, बोले- चुनाव से पहले किया था वादा
- बाबा महाकाल की सवारी की शोभा बढ़ाएगा 350 जवानों का पुलिस बैंड, 1000 कलाकार डमरू से देंगे प्रस्तुति
- राष्ट्रीय कालिदास चित्र और मूर्तिकला प्रतियोगिता-2021 के पुरस्कार घोषित, इन्हें दिया जाएगा
18 महिने से स्थायीकर्मी वेतन से वंचित,कुलसचिव को घेरा:स्थायीकर्मी का वेतन नही दिया गया तो आंदोलन की चेतावनी
![](https://ujjainlive.com/wp-content/uploads/2023/04/8522c919-6950-4065-8a7e-387c2cc7c616_1681300602653-1-1200x630.jpg)
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के करीब 80 से अधिक कर्मचारी18 महिने पहले स्थायी कर्मी हो चुके है। इसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हे वेतन दैनिक वेतन भोगी का ही दे रहा है। सब्र टूटने के बाद कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के साथ कर्मचारियों ने कुलसचिव को घेरा तो फाईल आगे बढ़ी है।
विक्रम विश्वविद्यालय के करीब 80 कर्मचारियों को 3 अगस्त 2021 की कार्यपरिषद बैठक में स्थायी कर्मी किया गया था। इसके बाद 10 अगस्त को प्रशासन विभाग से स्थायी कर्मी के आदेश भी हो गए थे। इसके बाद से सभी कर्मचारी स्थायी कर्मी के वेतन का इंतजार कर रहे है। 18 महिने बाद भी सुनवाई नही होने पर बुधवार को तृतीय श्रेणी कर्मचारी संघ के सचिव संतोष मालवीय, महासंघ के पदाधिकारी राजेश ठाकुर, लक्ष्मीनारायण संगत के साथ कर्मचारियों ने कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक का घेराव कर स्थायी कर्मी का वेतन देने की मांग रखी। इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि यदि फाईल आगे नही बढ़ाई तो सभी कुलसचिव कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेगें। कुलसचिव डॉ. पौराणिक ने फाईल लेकर प्रशासन विभाग को टीप देने के लिए मार्क की है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि स्थायीकर्मी का वेतन नही दिया गया तो महासंघ से चर्चा के बाद आंदोलन शुरू किया जाएगा।
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/04/13/8522c919-6950-4065-8a7e-387c2cc7c616_1681300602653.jpg)
अनुकंपा नियुक्ति के चार महिने बाद भी वेतन नही मिला
विक्रम विश्वविद्यालय को बी ग्रेड मिलने के बाद तो हालत और खराब होती जा रही है। अब हालत यह है कि चार महिने से नौकरी कर रहे अनुकंपा नियुक्ति वाले कर्मचारियों को वेतन नही दिया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारी रोज ही टालमटोल रवैया अपना रहे है। यहां तक की कार्य परिषद के सदस्य की भी नही सुनी जा रही है। वहीं दैनिक वेतन भोग कर्मचारियों को ही 10 तारीख के बाद वेतन दिया गया। कर्मचारियों का कहना है कि गैर जरूरी भुगतान प्रतिदिन हो रहे है, लेकिन कर्मचारियों के वेतन को नए कारण बता कर रोक रहे है।