5 डॉक्टर्स के भरोसे चल रहा है उज्जैन जिला अस्पताल…

पीएम करे या एमएलसी केस के दस्तावेज तैयार करें…मरीज तो देख ही नहीं पा रहे…

उज्जैन। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल,जिला अस्पताल के हालात इन दिनों बहुत खराब है। यहा ंपर डॉक्टर्स का टोटा पड़ा हुआ है। जितने हैं,उनके पास इतने काम हो गए हैं कि वे दूसरे कामों को करने के चक्कर में मरीज ही नहीं देख पा रहे हैं।

ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी प्रशासन या सिविल सर्जन को नहीं है। लेकिन ये भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं बचे हैं। इनके अनुसार कोरोनाकाल में कोरोना का उपचार सर्वोच्च प्राथमिकता पर है। लेकिन शेष बीमारियों के मरीज कहां जाए और क्या करें,इसका जवाब मांग रहे हैं वे गरीब लोग जो रोजाना सुबह जिला अस्पताल पहुंच जाते हैं। इस संबंध में चर्चा करने पर आरएमओ डॉ.धवन ने बताया कि जिला अस्पताल के 35 डॉक्टर्स को कोविड सेंटर्स में लगा दिया गया है। इस समय जिला अस्पताल में डॉक्टर्स की बहुत कमी है। केवल 5 डॉक्टर्स के भरोसे चल रहा है यह अस्पताल। यहां पर परसो एक ही दिन में 7 पोस्टमार्टम किए गए। कल चार किए गए। रोजाना पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर की जरूरत लगती है। एमएलसी केस आते हैं। इन्हे देखने के साथ-साथ दस्तावेज तैयार करना पड़ते हैं। सारी फैकल्टियां कोरोना में लगा दी गई है। शेष- पेज ५ पर

यह स्थिति है अभी….
14 डॉक्टर्स ट्रेनिंग वाले थे, इनकी ड्यूटी कोविड सेंटर्स पर लग गई। १ डॉक्टर हड्डी रोग के थे,वे पीटीएस में ड्यूटी दे रहे हैं। ये और चरक तथा माधवनगर में कुल 35 डॉक्टर अटैज्ड हैं। हार्ट अटेक के मरीज भी आते हैं आधी रात को, देखे कौन।

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