58 हजार अपात्र उपभोक्ताओं में आप भी तो नहीं कल तक नाम जुड़वाएं अन्यथा नहीं मिलेगा राशन

कोरोना महामारी के बीच कंट्रोल दुकानों से जुड़े जिले के 58 हजार उपभोक्ताओं के सामने राशन का संकट खड़ा हो सकता हैं। यह वे उपभोक्ता हैं जो भौतिक सत्यापन में प्रथम दृष्टया अपात्र पाए गए हैं। ऐसे में इनके नाम काटने से पहले इनकी सूची कंट्रोल दुकानों पर चस्पा की जाने लगी हैं। इसलिए कि यदि वे पात्र हैं, अपात्र नहीं तो 7 अगस्त तक आपत्ति जताकर मामले का निराकरण करवाएं। अन्यथा नाम कटने के बाद राशन नहीं मिलेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ती दर पर कंट्रोल दुकान से राशन लेने वाले परिवारों का भौतिक सत्यापन जिले में 23 मार्च तक किया गया था। इसमें 38 हजार ऐसे सामने आए थे जिन्होंने कि 6 महीने से राशन नहीं लिया था। लिहाजा माना जा रहा है कि इन्हें राशन की आवश्यकता नहीं है। ये जरूरत नहीं या फिर फर्जी हो सकते हैं। इनके अलावा 20 हजार उपभोक्ता वे थे जिनकी मौत हो चुकी हैं या फिर विवाह के बाद तथा कामकाज के चलते कहीं और चले गए। इस तरह कुल मिलाकर खाद्य विभाग ने 58 हजार अपात्र उपभोक्ताओं की सूची तैयार की हैं। इनके नाम काटने की पूरी तैयारी की जा चुकी है।

लेकिन इससे पहले संबंधितों को शासन के निर्देश पर एक अवसर दिया जा रहा है। जिसके चलते प्रस्तावित अपात्रों की सूची नगर पालिका, नगर परिषद, ग्राम पंचायतों व कंट्रोल दुकानों पर चस्पा की जा रही हैं। 7 अगस्त तक संबंधितों से दावे आपत्ति लिए जाकर उनका निराकरण किया जाएगा। यदि वे पात्र होने के दस्तावेज व प्रमाण देते हैं तो उनके नाम पात्रों की सूची में जोड़ दिए जाएंगे, अन्यथा नहीं। दावे आपत्ति के लिए फोरम तय किए गए। ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता संबंधित तहसीलदार व शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता एसडीएम कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं।

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