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6 हजार से ज्यादा छात्र होते रहे परेशान; MSW, MA, MBA के चौथे सेमेस्टर के प्रश्न पत्र अपलोड किए थे
उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट क्रैश हो गई। सोमवार से वेबसाइट के माध्यम से MSW, MA और MBA के चौथे सेमेस्टर के प्रश्न पत्र अपलोड किए थे। विद्यार्थियों ने जब साइट की लिंक खोली तो वेबसाइट पर अधिक सर्च होने के चलते साइट क्रैश हो गई। इसके कारण विक्रम परिक्षेत्र के करीब 6000 से अधिक विद्यार्थी परेशान होते रहे।
दरअसल, 28 जून को जो पेपर साइट पर डालना थे, वे विद्यार्थियों को 3 जुलाई तक घर पर ही कॉपी में प्रश्नों के जवाब लिखकर कॉलेजों में जमा करना है। 27 जून को चौथे सेमेस्टर की परीक्षा के प्रश्न पत्र यूनिवसि्रटी ने रात 12 बजे साइट पर अपलोड किए। सुबह जैसे ही छात्रों ने साइट खोलना शुरू किया, वैसे ही साइट क्रैश हो गई। ये पहला मौका नहीं है,जब यूनिवर्सिटी की साइट क्रैश हुई हो।
उज्जैन विक्रम विश्व विद्यालय में सोमवार से शुरू हुई परीक्षाओं के बीच बड़ी लापरवाही देखने को मिली। चौथे सेमेस्टर के प्रश्नपत्र साइट https://vikramuniv.ac.in पर सोमवार रात 12 बजे अपलोड किए गए। सुबह तक साइट पर प्रश्नपत्र दिख रहे थे, लेकिन 10 बजे बाद साइट पर लोड बढ़ा और साइट क्रैश हो गई। इसके बाद से साइट पर We’ll be back soon! का एरर मैसेज दिखाई दे रहा है।
3 जुलाई को जमा करना है उत्तर पुस्तिका
विक्रम विश्व विद्यालय की साइट क्रैश हो जाने के बाद हजारों विद्यार्थी परेशान हुए। इसमें एमए हिंदी, एमए संस्कृत, एमए मराठी, एमए अंग्रेजी, एमए उर्दू, एमए दर्शन शास्त्र, एमए संगीत, एमए चित्रकला , एमए समाज शास्त्र, एमए इतिहास, एमए राजनीति विज्ञान, एमए अर्थशास्त्र, एमए भूगोल, एमए मनोविज्ञान, एमए लोक प्रशासन समेत एमएसडब्ल्यू और एमबीए न्यू कोर्स, एमबीए ओल्ड कोर्स के विद्यार्थी दिनभर परेशान होते रहे। हालांकि जब 2 बजे तक साइट ठीक नहीं हुई तो विक्रम के अधिकारियों ने एक नई साइट https://vikramexams.com पर प्रश्न पत्र डाल दिए।
हालांकि इस वेब साइट के बारे में विद्यार्थियों को पता नहीं होने से कम ही छात्र इस वेब साइट को खोलकर प्रश्न पत्र देख सकेंगे। प्रश्न पत्र मिलने के बाद सभी विद्यार्थियों को 3 जुलाई को उत्तर पुस्तिका जमा करना होगी। कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय ने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि हमने दूसरी वेब साइट पर भी पेपर डाले हैं, लेकिन हम उसका प्रचार नहीं कर सके। फिलहाल हमने प्रश्न पत्र काॅलेज के प्रिंसिपल को भी भिजवा दिए हैं।
विश्व विद्यालय की वेब साइट की मेंटेनेंस का काम उज्जैन की एंटायर टेक्नोलॉजी नामक कम्पनी के हाथ में है। वेब साइट के रख रखाव के लिए प्रति वर्ष 60 हजार रुपए भुगतान किया जाता है।