80/84 श्री स्वप्नेश्वर महादेव

80/84 श्री स्वप्नेश्वर महादेव

80/84 श्री स्वप्नेश्वर महादेव काफी समय पहले कल्माषपाद नाम के एक राजा हुआ करते थे। एक बार उन्होने वन में वशिष्ट मुनि के पुत्र ओर बहू को देखा । उस समय उनका पुत्र ध्यान में बैठा हुआ था। राजा ने मुनि से कहा कि रास्ते से हट जाओं परंतु मुनि ने नहीं सुना, तो राजा ने क्रोध में आकर मुनि पर चाबुक से प्रहार करना शुरू कर दिया। यह देख वशिष्ट मुनि के दूसरे पुत्र…

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81/84 श्री पिंगलेश्वर महादेव

81/84 श्री पिंगलेश्वर महादेव

81/84 श्री पिंगलेश्वर महादेव एक बार मां पार्वती ने शिवजी से पृथ्वी पर उत्तम स्थान को देखने की बात कही। शिवजी उन्हे महाकाल वन लाए और बताया कि यह स्थान तीनो लोको में स्र्वोत्तम है पार्वती के कहने पर भगवान शंकर ने चार दिशाओं में चार द्वार बानये ओर द्वारपालो की स्थापना की शिवजी ने पूर्व दिशा में पिंगलेश्वर दक्षिण में कायवरोहणेश्वर उत्तर में विश्वेश्वर ओर पश्चिम में दुर्दश्वर की स्थापना की शिव ने गणो…

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82/84 श्री कायावरोहणेश्वर महादेव

82/84 श्री कायावरोहणेश्वर महादेव

82/84 श्री कायावरोहणेश्वर महादेव प्रजापति दक्ष के यज्ञ में भगवान शिव को आंमत्रित न करने पर उमा क्रोधित हो गई और उन्होने शक्ति से भद्रकाली माया को उत्पन्न किया दूसरी और उमा के यज्ञ में भस्म हो जाने से क्रोधित होकर वीरभद्र को यज्ञ का नाश करने के लिए भेज दिया भद्रकाली और वीरभद्र ने मिलकर यज्ञ स्थल पर हाहाकर मचा दिया उन्होंने देवताओं को प्रताड़ित किया कई देवता प्रकोप से कायाविहिन हो गये कुछ…

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83/84 श्री बिल्वेश्वर महादेव

83/84 श्री बिल्वेश्वर महादेव

83/84 श्री बिल्वेश्वर महादेव एक बार ब्रम्हा ने लोगो पर दया करने के लिए भगवान का ध्यान किया उससे कल्पवृक्ष उत्पन्न हुआ वृक्ष में एक बिल्व का पेड भी था उसके एक पत्ते के नीचे एक पुरूष आराम कर रहा था। ब्रम्हा आए ओर उसे बिल्व दिया ब्रम्हा के जाने के बाद इंद्र वहा आए और उसे पृथ्वी पर राज करने के लिए कहा बिल्व ने कहा की इंद्र का वज्र मिले तो वह पृथ्वी…

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84/84 श्री दुर्दुरेश्वर महादेव

84/84 श्री दुर्दुरेश्वर महादेव

84/84 श्री दुर्दुरेश्वर महादेव अयोध्या के राजा कोे वन में एक कन्या मिली। वे उससे विवाह कर उसे राज्य मे ले आए। उसके मोह में राजा का ध्यान राजकाज से हट गया। राजा के मंत्री ने सुंदर वाटिका निर्माण कराकर राजा को वहां उसे रानी के साथ छोड दिया। एक बार रानी वहां बने एक तालाब में स्नान करने गई ओर फिर वापस नहीं आई। उस तालाब में दुर्दुर (मेंढक) अधिक थे। राजा ने सभी…

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1/84 श्री अगस्त्येश्वर महादेव

1/84 श्री अगस्त्येश्वर महादेव महाकाल वने दिव्ये यक्ष गन्धर्व सेविते । उत्तरे वट यक्षिण्या यत्तल्लिङ्गमनुत्तमम् ।। अगस्त्येश्वर महादेव मंदिर उज्जैन में हरसिद्धि मंदिर के पीछे स्थित संतोषी माता मंदिर परिसर में है। अगस्त्येश्वर महादेव मंदिर की स्थापना ऋषि अगस्त्य, उनके क्षोभ और महाकाल वन में उनकी तपस्या से जुडी हुई है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब दैत्यों का आधिपत्य देवताओं पर बढ़ने लगा तब निराश होकर देवतागण पृथ्वी पर भ्रमण करने लगे। एक दिन जब…

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