प्रशासन की कार्यवाही: नजरअली मिल में सबसे बड़ी अतिक्रमण हटाओ मुहिम

उज्जैन:नगर निगम स्वामित्व का नजरअली मिल के खुले मैदान में वर्षों से लोगों द्वारा अतिक्रमण कर कच्ची झोपडिय़ां और एक दर्जन से अधिक पक्के मकानों का निर्माण कर लिया था। नगर निगम की टीम ने शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस बल के साथ यहां पहुंचकर जेसीबी की मदद से सभी अतिक्रमण को जमींदोज कर दिया।
नजरअली मिल की जमीन का कोर्ट से नगर निगम को स्वामित्व मिलने के बाद इस जमीन पर अवैध तरीके से मकान और झोपड़ी बनाकर रहने वालों को पूर्व में नोटिस जारी किये थे जिसमें समय सीमा में जमीन खाली करने के निर्देश थे लेकिन लोगों द्वारा नगर निगम के नोटिस को अहमियत नहीं दी गई।

पिछले तीन दिनों से यहां नगर निगम द्वारा अनाउंसमेंट भी कराया जा रहा था कि सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाकर अपना सामान ले जाएं लेकिन लोगों ने इसे भी अनसुना कर दिया। सुबह नगर निगम उपायुक्त, इंजीनियरों की टीम यहां 4 जेसीबी, 8 डम्पर, ट्रैक्टर ट्रॉलियों और मजदूरों के साथ पहुंची। मौके पर कानून व्यवस्था न बिगड़े इसलिये एसडीएम, तहसीलदार, सीएसपी, थाना प्रभारी पुलिस लाइन व थानों के अतिरिक्त फोर्स के साथ मौजूद थे। हालांकि नगर निगम की मुहिम का यहां रहने वालों ने विरोध भी किया।

खाटिया पर मरणासन्न वृद्धा को आगे किया
निगम द्वारा कार्रवाई शुरू करने से पहले भी माइक से अनाउंस किया कि सभी लोग झोपड़ी और घरों से सामान सहित बाहर निकल जाएं। कार्रवाई के दौरान कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जवाबदारी निगम की नहीं होगी। एक दो झोपडिय़ों पर जेसीबी चलने के बाद यहां के रहवासियों में आक्रोश और अफरा-तफरी मच गई।

कुछ लोग खटिया पर मरणासन्न पड़ी वृद्धा को जेसीबी के सामने खाट सहित ले आये और कार्रवाई रोकने की बात कही। हालांकि यहां पर एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और विद्युत विभाग के लोग किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयार खड़े थे। पुलिस अधिकारियों ने वृद्धा की खाट उठवाकर एक तरफ रखवाई और एम्बुलेंस में मौजूद डॉक्टर को बुलाकर चैकअप करवाया। डॉक्टर ने वृद्धा को अस्पताल में भर्ती करने की बात कही लेकिन विरोध करने वाले लोग अस्पताल नहीं ले गये।

मंत्री से बात करने से इंकार
यहां के रहवासियों ने अधिकारियों को बताया कि मंत्रीजी से बात हो गई है, उन्होंने आश्वासन दिया है कि पहले कानीपुरा मल्टी में नगर निगम के मकान दिलाये जाएंगे उसके बाद झोपड़ी और मकान तोड़ेंगे। लोगों ने मंत्रीजी को फोन लगाकर अधिकारियों से बात करने को कहा लेकिन अधिकारियों ने साफ इंकार कर दिया।

किसी की ताकत नहीं कि मकान खरीद लें
झोपडिय़ों में रहने वाले लोगों ने जब अधिकारियों से बारिश में वैकल्पिक व्यवस्था की बात कही तो उन्होंने कहा ८ लाख रु. जमा करा दो, नगर निगम की मल्टियों में सस्ते पक्के मकान उपलब्ध करा देंगे, लोगों ने कहा इतने रुपये होते तो कहीं ओर रहने चले जाते, हम लोगों में इतनी ताकत नहीं पक्के मकान खरीद लें।

झोपडिय़ा टूटते ही बिलखने लगे बच्च्े
नजरअली मिल के मैदान में 60 से अधिक झोपडिय़ां मजदूरों ने बना रखी थीं। इनमें वह अपने परिवार के साथ वर्षों से रह रहे थे। नगर निगम द्वारा जेसीबी की मदद से कुछ ही घंटों में सारे अवैध निर्माण जमींदोज कर दिया। वर्षों से झोपड़ी में रहकर गुजारा करने वाले लोगों के बच्चों ने जब अपने आशियानों को उजड़ते देखा तो उनकी आंखों से आंसू फूट पड़े और वे बिलखने लगे। वहीं यहां रहने वाले लोगों के मन में यह चिंता थी कि बारिश का मौसम शुरू हो चुका है, ऐसे में खुले आसमान के नीचे जीवन गुजारना भी आसान नहीं, छत छीन गई अब कहां जाएंगे।

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